अनगिनत कंपनियां, 7.5 करोड़ की ठगी में जेल, अल फलाह यूनिवर्सिटी के संस्थापक के नाम और क्या कारनामे हैं?

जावेद अहमद सिद्दीकी पर भ्रष्टाचार और हेराफेरी के कई आरोप हैं।

By अभिरुप दत्त, Posted by: श्वेता सिंह

Nov 13, 2025 23:09 IST

दिल्ली विस्फोट की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, वैसे-वैसे अल फलाह यूनिवर्सिटी का नाम भी बार-बार सामने आ रहा है। अब तक जांच एजेंसियों ने इस विश्वविद्यालय के संस्थापक और मैनेजिंग ट्रस्टी जावेद अहमद सिद्दीकी को जांच के दायरे में लिया है। संदिग्ध आतंकियों डॉ. शाहीन सईद और डॉ. मुझम्मिल शाकिल को अल फलाह में नौकरी देने वाले भी यही जावेद अहमद सिद्दीकी हैं।

अल फलाह के संस्थापक पर अनगिनत आरोप

सिद्दीकी पर पहले से ही कई भ्रष्टाचार और हेराफेरी के आरोप हैं। NDTV की रिपोर्ट के मुताबिक, उनके और उनके एक सहयोगी के खिलाफ धोखाधड़ी, विश्वासघात और जाली दस्तावेज तैयार करने के मामले दर्ज हैं।

मध्य प्रदेश के मोर जिले में जन्मे सिद्दीकी का नाम 9 कंपनियों से जुड़ा हुआ है। इन सभी कंपनियों का किसी न किसी रूप में संबंध अल फलाह चैरिटेबल ट्रस्ट से है। यही ट्रस्ट अल फलाह यूनिवर्सिटी के पूरे संचालन का जिम्मा संभालता है।

कौन-सी 9 कंपनियां जुड़ी हैं सिद्दीकी से?

जांच एजेंसियों के सूत्रों के अनुसार, इन कंपनियों में शिक्षा, सॉफ्टवेयर, वित्तीय सेवाएं जैसी गतिविधियां शामिल थीं। हर कंपनी का एक ही पता है, जिससे जांचकर्ताओं के मन में संदेह पैदा हुआ है।

इन सभी कंपनियों के दस्तावेज़ों में दिल्ली के जामिया नगर का एक पता दर्ज है।

जांच में सामने आया है कि ये 9 कंपनियां 2019 तक सक्रिय थीं। इसके बाद या तो बंद हो गईं या निष्क्रिय हो गईं। इन कंपनियों में से एक है अल फलाह मेडिकल रिसर्च फाउंडेशन जो 1997 में शुरू हुई थी और अब भी चालू है। इसी संस्था का नाम आतंकी मॉड्यूल से जुड़ा हुआ पाया गया है।

पहले भी लगा था ठगी का आरोप

इससे पहले भी जावेद अहमद सिद्दीकी के खिलाफ कई मामले दर्ज हो चुके हैं।

दिल्ली के एक थाने में चिटफंड चलाने और धोखाधड़ी का मामला दर्ज हुआ था। आरोप था कि अल फलाह नाम की एक कंपनी में निवेश पर रिटर्न देने का झांसा देकर भारी रकम इकट्ठा की गई और बाद में गायब हो गए।

कुल करीब 7.5 करोड़ रुपये की गड़बड़ी का आरोप लगाया गया था।

सिद्दीकी को 2001 में गिरफ्तार किया गया था और 2004 में जमानत मिल गई थी।

अब उठ रहे हैं कई सवाल

ऐसे आरोपों से घिरा कोई व्यक्ति इतने वर्षों तक मेडिकल कॉलेज कैसे चला सकता है?

दिल्ली विस्फोट की साजिश में सिद्दीकी की क्या भूमिका है?

क्या वह आतंकी मॉड्यूल चलाने और आतंकियों की भर्ती में भी शामिल था?

इन सभी सवालों के जवाब फिलहाल जांच एजेंसियों की जांच पर निर्भर हैं।

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