नयी दिल्लीः दिल्ली में हुए विस्फोट में अब तक 13 लोगों की मौत हो चुकी है। इस आतंकवादी हमले का संबंध हरियाणा के फरीदाबाद में स्थित अल-फलाह विश्वविद्यालय से जुड़ गया है। इस संस्था से जुड़े कई डॉक्टर भारतीय खुफिया एजेंसियों की निगरानी में हैं। भारी मात्रा में विस्फोटक सामग्री के साथ तीन डॉक्टरों की गिरफ्तारी भी हुई है। विश्वविद्यालय ने अभियुक्तों के साथ किसी भी तरह के संबंध से इनकार किया है, लेकिन इसके बावजूद विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। क्या बिल्डिंग नंबर 17, रूम नंबर 13 का यह विवाद अब खत्म होगा?
बिल्डिंग नंबर 17- बॉयज़ हॉस्टल
हरियाणा स्थित अल-फलाह विश्वविद्यालय परिसर में यह बॉयज़ हॉस्टल सफेद रंग की साधारण इमारत है। कमरों में सीलन और टिमटिमाती रोशनी रहती है। परंतु रूम नंबर 13 कुछ अलग था। जांच में पता चला है कि यही वह कमरा था, जहाँ चरमपंथी विचारधारा वाले डॉक्टर बैठकर दिल्ली हमले की साजिश रचा करते थे। यही कमरा फरीदाबाद टेरर मॉड्यूल की गुप्त बैठक स्थल था।
क्या होता था कमरे नंबर 13 में?
पुलवामा निवासी मुजम्मिल शाकिल से बरामद डायरी से कई चौंकाने वाली बातें सामने आई हैं। बताया जा रहा है कि डायरी के हर पन्ने में आतंक की योजनाएँ दर्ज हैं। विश्वविद्यालय की बिल्डिंग नंबर 17 के रूम नंबर 13 में ये सभी डॉक्टर बैठकर योजना बनाते थे। कैसे विश्वविद्यालय की लैब से केमिकल चोरी-छिपे मुजम्मिल के कमरे तक पहुँचाया जाए, इसका पूरा खाका वहीं तैयार किया गया था।
पेन ड्राइव की बरामदगी
रूम नंबर 13 से पुलिस ने एक पेन ड्राइव और कई इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बरामद किए हैं। जांच में पता चला कि विश्वविद्यालय के दो फैकल्टी डॉक्टर-डॉ. उमर-उन-नबी और शाहिन शाहिद-कॉलेज की लैब से रासायनिक पदार्थ निकालकर फरीदाबाद के धौज और फतेहपुर तगा गांव तक पहुँचाते थे। फॉरेंसिक टीम ने बिल्डिंग नंबर 17 के कमरा नंबर 13 और लैब से कुछ रासायनिक पदार्थ और डिजिटल डाटा भी जब्त किया है।
चरमपंथी डॉक्टरों का नेटवर्क
जांच एजेंसियों को शक है कि इन रासायनिक पदार्थों-अमोनियम नाइट्रेट और ऑक्साइड्स- को मिलाकर विस्फोटक बनाए जा रहे थे। दिल्ली पुलिस की जांच में पता चला है कि डॉ. मुजम्मिल, डॉ. आदिल, डॉ. उमर और डॉ. शाहीन सईद ने मिलकर करीब 20 लाख रुपये जुटाए, जो उमर को दिए गए थे। यह रकम विस्फोटक तैयार करने के लिए इस्तेमाल की जानी थी।
चार कारों को विस्फोटक से लैस करने की साजिश?
एजेंसी सूत्रों के अनुसार, i20 कार में हुए विस्फोट के बाद तीन और कारों को बम से लैस करने की योजना बनाई गई थी। फिलहाल दो संदिग्ध कारें बरामद हुई हैं-एक लाल रंग की इकोस्पोर्ट (EcoSport) और दूसरी ब्रेज़ा (Brezza)। लाल कार डॉ. उमर की बताई जा रही है, जबकि ब्रेज़ा की मालकिन शाहीना बताई गई है।
दिल्ली धमाका
10 नवंबर को दिल्ली के ऐतिहासिक लाल किला परिसर के पास हुए इस कार धमाके में 13 लोगों की मौत हो चुकी है और कई लोग घायल हुए हैं।