नयी दिल्लीः पाकिस्तान समर्थित प्रतिबंधित आतंकी संगठन एक बार फिर भारत में बड़ी साजिश रचने की कोशिश कर रहे थे। खुफिया सूत्रों से जानकारी मिलने के बाद नई दिल्ली और सुरक्षाबल सतर्क हो गए। जम्मू-कश्मीर में एक डॉक्टर को AK-47 राइफल रखने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। उसी डॉक्टर से पूछताछ के दौरान बड़ी मात्रा में विस्फोटक पदार्थ का सुराग मिला।
प्रारंभिक रिपोर्ट में इसे RDX बताया गया था, लेकिन बाद में पुलिस ने स्पष्ट किया कि जब्त किया गया पदार्थ अमोनियम नाइट्रेट है- जो विस्फोटक और IED (इंप्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) बनाने में इस्तेमाल किया जाता है। दिल्ली के नज़दीक हरियाणा के फरीदाबाद इलाके से 360 किलो अमोनियम नाइट्रेट बरामद किया गया। यह बरामदगी अनंतनाग मेडिकल कॉलेज अस्पताल के रेज़िडेंट डॉक्टर से पूछताछ के दौरान मिली जानकारी के आधार पर हुई।
रविवार को जम्मू-कश्मीर पुलिस और हरियाणा पुलिस ने मिलकर फरीदाबाद के अल-फलाह अस्पताल में संयुक्त छापा मारा, जहां से यह भारी मात्रा में विस्फोटक बरामद किया गया। अब पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि राजधानी दिल्ली के इतने करीब इस विशाल विस्फोटक भंडार को क्यों और किस उद्देश्य से रखा गया था।
फरीदाबाद पहले से ही दिल्ली के निकट होने के कारण उच्च सुरक्षा क्षेत्र माना जाता है, इसलिए जांच में यह भी देखा जा रहा है कि अस्पताल जैसी सुरक्षित जगह में इतने विस्फोटक को बिना किसी की नज़र में आए कैसे छिपाया गया। पुलिस को संदेह है कि किसी बड़े आतंकी हमले की साजिश रची जा रही थी। जम्मू-कश्मीर पुलिस की सतर्कता से यह बड़ी बरामदगी संभव हो सकी।
कुछ दिन पहले ही उत्तर प्रदेश के सहारनपुर से एक कश्मीरी डॉक्टर को गिरफ्तार किया गया था, जिस पर श्रीनगर में जैश-ए-मोहम्मद के समर्थन में पोस्टर लगाने का आरोप था। उसी सिलसिले में यह विस्फोटक बरामद हुआ है। इस मामले में गिरफ्तार व्यक्ति की पहचान डॉ. आदिल अहमद रादर के रूप में हुई है, जो अनंतनाग मेडिकल कॉलेज अस्पताल में रेज़िडेंट डॉक्टर थे। उनके हॉस्पिटल लॉकर से AK-47 राइफल और गोला-बारूद बरामद किया गया।
आदिल पर शस्त्र अधिनियम की धारा 7/25 और गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) की धाराएं 13, 28, 38 और 39 के तहत मामला दर्ज किया गया है। डॉ. आदिल के अलावा डॉ. मुझाहिल शकील नामक एक अन्य डॉक्टर को भी गिरफ्तार किया गया है, जो पुलवामा जिले के कोईल क्षेत्र के निवासी हैं। डॉ. आदिल से पूछताछ के दौरान ही हरियाणा में विस्फोटक के भंडारण की जानकारी मिली।
इस बीच, डॉ. आदिल के लॉकर से मिली AK-47 राइफल को फॉरेंसिक टीम को सौंप दिया गया है, ताकि यह जांच की जा सके कि क्या इस राइफल का पहले किसी आतंकी या आपराधिक गतिविधि में उपयोग हुआ था।