जिस दिन चुनाव आयोग ने एसआईआर के दूसरे चरण का कार्यक्रम जारी किया उसी दिन शिवसेना (उद्धव ठाकरे) नेता आदित्य ठाकरे ने राहुल गांधी की शैली में एक पावरपॉइंट प्रेजेंटेशन में "वोट चोरी" का आरोप लगाया। उनका यह आरोप उनके अपने निर्वाचन क्षेत्र वर्ली को लेकर था।
सोमवार को उन्होंने आरोप लगाया कि मुंबई के वर्ली में मतदाता सूची में कई विसंगतियां हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पिछले साल महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के दौरान वहां बड़ी संख्या में फर्जी वोट डाले गए थे।
शिवसेना (उद्धव ठाकरे) ने मुंबई में उसी दिन 'निरधा मेलावा' या संकल्प रैली आयोजित की। वहां पार्टी की युवा शाखा 'युव सेना' के प्रमुख आदित्य ठाकरे ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के अंदाज में वर्ली में 'वोट चोरी' पर एक विस्तृत प्रस्तुति दी। उन्होंने बताया कि ये विसंगतियां कैसे 'पैदा' की गईं और आगामी बृहन्मुंबई नगर निगम चुनावों पर इसका क्या प्रभाव पड़ सकता है।
आदित्य ठाकरे ने आरोप लगाया कि 643 मतदाताओं का लिंग उनके नामों से मेल नहीं खाता। चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया कि यह मुद्रण त्रुटि थी। 28 मतदाताओं के पास EPIC नंबर नहीं हैं। 133 मतदाताओं के पास डुप्लिकेट EPIC नंबर हैं। 502 मामलों में पिता का नाम और मतदाता का नाम एक ही है। 720 मामलों में मतदाता का उपनाम और उसके पिता का उपनाम अलग-अलग हैं। ये सभी पुरुष हैं इसलिए शादी के बाद उपनाम बदलने की कोई संभावना नहीं है।
इसके अलावा शिवसेना (उद्धव ठाकरे) नेता ने यह भी आरोप लगाया कि जिन मतदाताओं के नाम 2024 के लोकसभा चुनावों के दौरान मृत घोषित कर दिए गए थे और हटा दिए गए थे वे विधानसभा चुनावों की मतदाता सूची में एक अलग EPIC नंबर के साथ वापस आ गए हैं।
आदित्य ठाकरे ने आगे दावा किया कि 2024 के लोकसभा चुनाव और अगले साल होने वाले महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बीच बस कुछ ही महीने बचे हैं। हालांकि इन कुछ महीनों में उन्होंने बताया कि उनके निर्वाचन क्षेत्र वर्ली में लगभग 16,000 मतदाता बढ़ गए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि सत्यापन के दौरान 19,000 से ज्यादा विसंगतियां पाई गईं।
उन्होंने कहा, "पिछले विधानसभा चुनाव में हम सभी को उम्मीद थी कि महा विकास अघाड़ी यानी एमवीए सरकार बनाएगी लेकिन चुनाव परिणामों से सभी हैरान थे। आज मैं दिखा रहा हूं कि कैसे एक फर्जी मतदाता सूची चुनाव परिणामों को बदल सकती है।"
इन सभी आरोपों के मद्देनज़र आदित्य ने आगामी नगर निगम चुनावों से पहले मतदाता सूची के सत्यापन और सुधार की मांग की। साथ ही उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं को निर्देश दिया कि वे चुनाव आयोग द्वारा प्रकाशित हर मसौदा मतदाता सूची की सावधानीपूर्वक जांच करें।