बुधवार सुबह थोड़ी धूप खिलते ही मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दुर्गा पूजा पंडालों का उद्घाटन करना शुरू कर दिया। दोपहर को वह भवानीपुर 70 पल्ली शीतला मंदिर में दुर्गा पूजा का उद्घाटन करने पहुंची। मंगलवार को हुई भारी बारिश के बाद आई आपदा के कारण मुख्यमंत्री ने कोलकाता में सभी दुर्गा पूजा उद्घाटन कार्यक्रमों को रद्द कर दिया था। बुधवार की दोपहर तक कोलकाता की कई सड़कें जलमग्न रहीं। मुख्यमंत्री ने कहा कि पानी काफी उतर गया है।
कुछ निचले इलाकों में ही बस पानी है। जब उन्होंने भवानीपुर में बिजली के झटके से मारे गए लोगों को मुआवजा देने की घोषणा की, तब आसपास खड़े कई लोगों ने तालियां बजाईं। हालांकि ममता बनर्जी ने उन्हें रोकते हुए कहा, 'यह ताली बजाने की बात नहीं है, यह मानवता है।'
मुख्यमंत्री ने इस दिन भी कोलकाता के जलमग्न होने के लिए डीवीसी को जिम्मेदार ठहराया। दुर्गा पूजा पंडाल का उद्घाटन करने के बाद, मुख्यमंत्री ने कहा कि गंगा में ज्वार भी आया था। कुछ निचले इलाकों को छोड़कर, ज्यादातर जगहों से पानी हट गया है। हम प्रकृति को नियंत्रित नहीं कर सकते।
उन्होंने आगे कहा कि फरक्का, मैथन में पिछले 20 सालों से ड्रेजिंग नहीं हुई है। जब बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड में बारिश होती है, तो वह पानी पश्चिम बंगाल में आ जाता है। हमें सब कुछ संभालना पड़ता है। बता दें, बुधवार को, तृतीया के दिन, मुख्यमंत्री कोलकाता भर के 40 पूजा पंडालों का उद्घाटन करेंगी।
गौरतलब है कि मंगलवार को बेनियापुकुर, गड़ियाहाट, नेताजीनगर, कालिकापुर और इकबालपुर पुलिस थाना समेत कई अन्य जगहों पर बिजली का करंट लगने से कुल 8 लोगों के मरने की जानकारी मिली है।
मुख्यमंत्री ने पहले ही घोषणा की थी कि मृतकों के परिवारों को आर्थिक मुआवजा दिया जाएगा। इस दिन उन्होंने कहा था कि किसी भी व्यक्ति की मृत्यु को पैसों से तोला नहीं जा सकता है। अगर सीईएससी परिवार के किसी सदस्य को नौकरी नहीं देता है, तो हम उन्हें होमगार्ड की नौकरी देंगे। इसके अलावा, मैं सीईएससी से परिवार को 5 लाख रुपये का मुआवजा देने का अनुरोध करूंगी।