कितनी भी तेज बारिश हो लेकिन इसका असर एयरपोर्ट (Airport) सेवाओं पर भी नहीं पड़ता है। ट्रैफिक में फंसकर या किसी भी अन्य कारणों से कई बार यात्री निर्धारित समय पर एयरपोर्ट नहीं पहुंच पाते हैं, लेकिन ऐसा कभी नहीं हुआ है कि पायलट या क्रु के सदस्य ही अपनी ड्यूटी पर नहीं पहुंच पाए हो। जानकारों का कहना है कि बारिश के दौरान विमानों को टेक ऑफ और लैंड करने में कोई परेशानी नहीं होती है। लेकिन सोमवार की देर रात से लेकर मंगलवार की सुबह तक हुई अतिभारी बारिश ने इस पूरे हिसाब-किताब को ही उलट-पुलट दिया है।
सोमवार की रात को लगभग 3 बजे जब मूसलाधार बारिश हो रही थी, तब तेज हवाएं बहना भी शुरू हो गयी थी। उसी समय पुणे से कोलकाता आ रही इंडिगो (Indigo) की फ्लाइट लैंड नहीं कर पाई और उसे भुवनेश्वर डाइवर्ट कर दिया गया। इसके बाद मंगलवार की दोपहर को वह फ्लाइट कोलकाता वापस आयी।
इस बारे में कोलकाता एयरपोर्ट के एक अधिकारी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि पुणे से आयी उस फ्लाइट के अलावा और कोई भी फ्लाइट डाइवर्ट नहीं हुई है। रनवे व आसपास के इलाकों, जिसे एप्रन कहा जाता है, के अलावा पार्किंग बे और हैंगर के पास भी जल जमाव हो गया था। लेकिन उसे पंप की मदद से निकाल दिया गया है।
सोमवार की रातभर हुई अतिभारी बारिश के बाद विधाननगर से एयरपोर्ट की ओर जाने वाली वीआईपी रोड पर हल्दीराम, दमदम से सटे जशोर रोड इलाके में जलजमाव होने की वजह से बड़ी संख्या में गाड़ियां वहां बंद पड़ जा रही थी। कई लोग तो गाड़ियों से उतरकर अपना सामान लेकर पैदल ही एयरपोर्ट की तरफ बढ़ने लगे। कुछ ने अपना फ्लाइट मिस कर दिया।
जो यात्री न्यू टाउन होकर एयरपोर्ट पहुंचने की कोशिश कर रहे थे, वे चिनार पार्क मोड़ के जलमग्न इलाके में फंस जा रहे थे। सिर्फ यात्री ही नहीं, कहा जा रहा है कि बड़ी संख्या में पायलट और क्रु के सदस्य भी एयरपोर्ट अपनी ड्यूटी पर नहीं पहुंच पाए थे। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पायलट और क्रु के सदस्यों के एयरपोर्ट न पहुंचने की वजह से करीब 40 विमान उड़ान नहीं भर पायी। क्रु के नहीं पहुंचने की वजह से लगभग 20 उड़ानों को रद्द कर देना पड़ा है।
भुवनेश्वर-पटना-गुवाहाटी जैसे शहर, जहां कोलकाता से उड़ान भरने वाली विमान जो यात्री लेकर जाती हैं और वापस यात्रियों को लेकर कोलकाता लौट आती हैं, ऐसी कई विमानें भी उड़ान नहीं भर पायी। एयरपोर्ट पर सुबह की शिफ्ट सुबह 8 बजे से शुरू होती है। इसलिए बताया जाता है कि बड़ी संख्या में अधिकारी सुबह की शिफ्ट पर एयरपोर्ट पहुंच ही नहीं सकें थे। इसलिए रात की शिफ्ट में काम कर रहे अधिकारियों व कर्मियों को ही सुबह से फिर शिफ्ट में काम करना पड़ गया है।