सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर कुछ दिन पहले शिक्षकों की नियुक्ति के लिए परीक्षा आयोजित की गयी थी। इस परीक्षा को संपन्न हुए अभी एक महीने का समय भी नहीं बीता है। उससे पहले ही एक बार फिर से कोलकाता की सड़कों पर नौकरी अभ्यर्थियों ने विरोध-प्रदर्शन करना शुरू कर दिया है। एक ओर दुर्गा पूजा को लेकर हर तरफ उत्सव जैसा माहौल है। इस बीच गुरुवार को नौकरी अभ्यर्थियों ने विकास भवन अभियान का आह्वान किया।
मिली जानकारी के अनुसार रिक्त पदों की संख्या बढ़ाने समेत कई अन्य मांगों के समर्थन में विकास भवन अभियान किया गया था। जुलूस की शुरुआत करुणामई मोड़ से शुरू हुई। लेकिन जैसे ही जुलूस शुरू हुई पुलिस प्रशासन और अभ्यर्थियों के बीच झड़प शुरू हो गयी। कुछ देर के लिए सॉल्टलेक के करुणामई मोड़ व आसपास के इलाके में हंगामा मचा रहा। गुरुवार को जिन नौकरी अभ्यर्थियों ने विकास भवन अभियान किया, वे राज्य स्तरीय चयन परीक्षा (SLST) 2025 के अभ्यर्थी हैं।
बता दें, पिछले कुछ महीनों के दौरान कोलकाता के अलग-अलग इलाकों में कई बार नौकरी अभ्यर्थियों ने विरोध-प्रदर्शन किया है। इसी महीने की शुरुआत में दो चरणों में शिक्षक नियुक्ति की परीक्षा आयोजित की गयी थी। इन परीक्षाओं का आयोजन सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद किया गया था। दो चरणों में कक्षा 9वीं-10वीं और 11वीं-12वीं स्तर के शिक्षकों की नियुक्ति के लिए परीक्षा ली गयी थी, जिसपर नियुक्ति की प्रक्रिया अभी चल रही है।
गुरुवार को विकास भवन अभियान करने वाले अभ्यर्थियों का आरोप है कि हमारे मौलिक अधिकारों का हनन किया जा रहा है। जिन लोगों की नौकरियां चली गयी हैं, उनको दिया जा रहा अतिरिक्त 10 नंबर तुरंत रद्द किया जाए। इसके साथ ही अभ्यर्थियों ने रिक्त पदों की संख्या बढ़ाकर 1 लाख करने की मांग भी की है।
इन्हीं मांगों के समर्थन में अभ्यर्थियों ने विकास भवन अभियान की शुरुआत करुणामई से की थी। विकास भवन पहुंचकर ये अभ्यर्थी शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु से मिलना चाहते थे। हालांकि किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना को रोकने के लिए प्रशासन की तरफ से भारी पुलिस बल को तैनात किया गया था और आंदोलनकारी अभ्यर्थियों को करुणामई मोड़ के पास ही रोक दिया गया।