एई समय, कालना। कई लोग पूजा के दौरान अस्पताल में रहने को मजबूर हैं। इसलिए कालना महकमा अस्पताल प्रशासन ने ऐसी व्यवस्था की है कि अगर वे अस्पताल में भीहैं तो उन्हें पूजा में घर पर न होने का दर्द न सताए। यही वजह है कि सप्तमी से नवमी तक कालना महकमा अस्पताल प्रशासन ने मरीजों के खाने के मेनू में कतला का कालिया, फूलगोभी भुर्जी, चिकन कशा और फ्राइड राइस जैसे व्यंजन शामिल किया है।
अस्पताल के अधिकारियों ने बताया कि यह सूची खाद्य सुरक्षा अधिकारियों और डॉक्टरों की सलाह के बाद तैयार की गई है।कालना सहित आसपास के इलाके नदिया और हुगली जिलों के कुछ हिस्सों के लोग इलाज के लिए कालना महकमा अस्पताल पर निर्भर हैं।
औसतन हर दिन पांच सौ से ज्यादा मरीज अस्पताल में भर्ती होते हैं। कई तो बीमारी के कारण न चाहते हुए भी अस्पताल में रहने को मजबूर होते हैं। पूजा के चार दिनों में हर कोई खुश रहना चाहता है। भरपेट स्वादिष्ट भोजन का स्वाद लेकर खुद को तृप्त करना भी पूजा का ही एक हिस्सा है। इसीलिए अस्पताल प्रशासन को लगा कि अस्पताल में भर्ती होने के बावजूद मरीज उस खुशी से वंचित न रह जाएं।
सप्तमी से नवमी तक के खाने की सूची तैयार हो चुकी है। सातवें दिन दाल चावल के अलावा, फूलगोभी भुजिया, कतला मछली करी होगी। आठवें दिन मरीजों की थाली में फ्राइड राइस, आलू पनीर और खीरहोगी। नौवें दिन के लिए चिकन कशा और मिठाई का इंतजाम किया गया है। कालना महकमा अस्पताल के सहायक अधीक्षक गौतम बिस्वास ने कहा कि वो चाहते हैं कि पूजा के दिनों में सभी खुश रहें।
पूजा के दौरान अस्पताल में भर्ती मरीज़ों को लगता होगा कि वे घर पर अपने परिजनों के साथ नहीं रह पा रहे हैं। उन्हें अकेलापन महसूस हो सकता है। उन्हें ऐसा महसूस न हो इसीलिए सप्तमी से नवमी तक मरीजों के लिए एक विशेष मेनू तैयार किया गया है। उन्होंने कहा कि खाद्य सुरक्षा अधिकारियों और डॉक्टरों की सलाह से यह मेनू तैयार किया गया है। सामान्य आहार के साथ-साथ एक विशेष मेनू भी होगा। ऐसा करने से पूजा के दौरान मरीजों को अस्पताल में भी घर जैसी आत्मीयता का एहसास होगा।