पंचांग में लिखा है कि इस साल भी मां दुर्गा आयेंगी। साल भर लोग दुर्गा पूजा के आने का इंतजार करते हैं। हमें पता है कि हर देवी देवता का अपना वाहन होता है। हालांकि कुम्हारटोली से देवी देवताओं की मूर्ति को पूजा मंडप तक लाने के लिए एक वाहन की जरूरत होती है। इस बार ट्रक, टेम्पो या वैन से नहीं बल्कि मां दुर्गा बैटरी से चलने वाले खिलौने ट्रक पर सवार होकर बच्चों के पास आ रही हैं।
यहां बात हो रही है 'नबदिशा' के बच्चों की। असल में 'नबदिशा' परियोजना कोलकाता पुलिस और सड़क पर रहने वाले बच्चों व अनाथ बच्चों के लिए विभिन्न स्वयंसेवी संगठनों के बीच एक साझेदारी है। गरीब और जरूरत मंद बच्चों की पढ़ाई से लेकर उन्हें जीवन कौशल तक सब कुछ सिखाया जाता है। ऐसी ही एक संस्था है विक्रमशिला एजुकेशन रिसोर्स सोसाइटी। पुलिस ने ढाकुरिया सेंटर के बच्चों को इनके हवाले कर रखा है। वहां चौथी कक्षा तक शिक्षा होती है। शहर के बड़े बजट वाले पूजा स्थलों की तुलना में इनका पूजा बहुत छोटा और साधारण है। फिर भी बच्चों में बहुत उत्साह है। वो खुश हैं कि वे पूजा का आयोजन करेंगे। उनके लिए यह एक नया अ्हसास है। इस बार मां दुर्गा नन्हे-मुन्नों के पंडालों में एक खिलौना ट्रक 'अल्टिमा वाहन' में सवार होकर आएंगी। यह खिलौना ट्रक पूरी तरह से बैटरी से चलने वाला और रिमोट से नियंत्रित है।
छोटे बच्चों के भक्ति भाव को नया आयाम देने के लिए एक प्रसिद्ध बैटरी कंपनी ने यह खिलौना ट्रक बनाया है। टॉलवुड अभिनेत्री प्रियंका सरकार, बैटरी कंपनी के अधिकारियों और स्कूली छात्रों व शिक्षकों की मौजूदगी में इस वाहन का अनावरण किया गया। बच्चों के खिलखिलाते चेहरे देख कर प्रियंका ने कहा कि मुझे वो दिन याद आ गए जब हम बचपन में साथ मिलकर देवी देवताओं की मूर्ति लाने जाया करते थे। दरअसल जिंदगी में छोटी-छोटी चीजों में भी बहुत खुशी मिलती है।
यह वाहन न केवल मां दुर्गा को मंडप तक लाएगा बल्कि कुछ दिनों तक पूजा पंडाल में भी रहेगा ताकि दूसरे लोग भी इस खिलौना ट्रक को देख सकें। विक्रमशिला की शिक्षिका पियाली बिस्वास के अनुसार इस बार स्कूली बच्चे बिल्कुल अलग अंदाज़ में पूजा मनाएंगे। 'अल्टीमा वाहन' ने न केवल एक मिसाल कायम की है बल्कि इन बच्चों की खुशी को दोगुना कर दिया है।
बैटरी कंपनी के प्रमुख अनिर्बान बनर्जी ने कहा कि इस तरह के आयोजन अक्सर शहर के धूमधड़ाके और आकर्षक पूजा आयोजनों के बीच कहीं गुम से हो जाते हैं। हम चाहते हैं कि हर बच्चे की पूजा यादगार हो। जब देवी मां की मूर्ति को उनके खिलौने वाले ट्रक में लादा गया। बच्चे उस पल में बहुत खुश हुए। ये खुशी के पल जिंदगी भर याद रह जाते हैं। बच्चे तो खुश हैं ही, बाकी लोग भी इस आयोजन को देखकर खुश ही होंगे। हमें भी खुशी है कि हम कुछ ऐसा बना पाये जिससे बच्चों के चेहरे पर खुशी ला सके। उन्होंने यह भी बताया कि इस साल कोलकाता के कुछ प्रसिद्ध पूजा पंडालों में 'सुरक्षा द्वार' होंगे जहां केवल महिलाएं ही प्रवेश कर सकेंगी। उन्होंने बताया कि बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यह इंतजाम किया गया है।