अब उच्च माध्यमिक परीक्षा की कॉपियां आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) जांचेगा। इस साल से ही उच्च माध्यमिक की परीक्षा को दो सेमेस्टर में बांटा जा रहा है। दुर्गा पूजा से पहले पहला सेमेस्टर समाप्त हो चुका है। हालांकि उच्च माध्यमिक बोर्ड की भाषा में इसे तीसरा सेमेस्टर कहा जा रहा है। क्योंकि कक्षा 11वीं में भी परीक्षार्थियों को दो सेमेस्टर की परीक्षाएं देनी पड़ी थी।
अगले साल फरवरी में फाइनल सेमेस्टर की परीक्षाएं शुरू होंगी। तीसरे सेमेस्टर की परीक्षा OMR शीट में हुई है। उस कॉपी को जांचने उच्च माध्यमिक शिक्षा बोर्ड AI का उपयोग कर रहा है। बोर्ड का उद्देश्य कॉपियों को जांचने में कम से कम गलतियां हो, इसे सुनिश्चित करने के साथ ही उचित मूल्यांकन भी है।
वैसे भी इस साल OMR शीट में परीक्षा को लेकर तमाम शिकायतें सामने आई हैं। बोर्ड ने भी बार-बार परीक्षार्थी, अभिभावक और शिक्षकों को सावधान किया है ताकि OMR शीट के नियमों का यथायोग्य पालन हो। क्योंकि OMR चेक कंप्यूटर में होगा।
इसलिए वहां कोई गलती हो, प्रश्न के उत्तर में एकाधिक गोल निशान पड़ जाएं, पानी या अन्य किसी चीज का दाग OMR शीट पर लग जाए या OMR मुड़ जाए तो वह मशीन रीड नहीं कर सकती। फलस्वरूप उत्तर पत्रिका या OMR रद्द करने के अलावा कोई उपाय नहीं रहेगा।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इतनी सावधानियां बरतने के बाद भी कुछ घटनाएं ऐसी हुई हैं जिससे OMR को लेकर समस्या पैदा हो सकती है। ऐसी स्थिति में ही उच्च माध्यमिक शिक्षा बोर्ड AI की सहायता ले रहा है। इस बारे में बोर्ड के अध्यक्ष चिरंजीब भट्टाचार्य कहते हैं, 'एक संस्था ने हमारी आवश्यकता के अनुसार AI डेवलप किया है। यह बाहर कहीं उपलब्ध नहीं होगा। तमाम तरह के ट्रायल एंड एरर तरीकों से इस AI को प्रशिक्षित किया गया है ताकि इसका मूल्यांकन सटीक हो।'
इस AI में होगा ऑप्टिकल कैरेक्टर रिकॉग्निशन या OCR। यह एक ऐसी तकनीक है जो छपे या हाथ की लिखावट को स्कैन कर डिजिटल टेक्स्ट में परिवर्तित करती है। यह तस्वीर के भीतर मौजूद अक्षरों को पहचान कर कंप्यूटर में संपादनयोग्य डाटा के रूप में संग्रहीत करने में सहायता करती है।
OMR शीट में दो जगह ऐसी है जहां परीक्षार्थियों को एक बार हाथ से अपना रोल नंबर और रजिस्ट्रेशन नंबर लिखना पड़ा है। फिर उन नंबरों को गोल दाग के भीतर मौजूद नंबर के साथ मिलाकर फिल-अप करना पड़ा है। लेकिन ऐसा करते समय यदि कोई गलती हो जाए, तो क्या उत्तर पत्रिका कैंसल हो जाएगी?
इस तकनीक के उपयोग से पहले तक ऐसी ही आशंका जतायी जा रही थी। लेकिन इस बार की परीक्षा में देखा गया कि हाथ से लिखा या फिल-अप — इन दोनों में से कोई एक सही हो तो भी उत्तर पत्रिका कैंसल नहीं होगी। अक्सर प्रश्न का सही उत्तर चुनते समय चार उत्तर के विकल्प में से एक की जगह कई छात्र एकाधिक विकल्प में काले पेन से निशान लगा देते हैं। सामान्य रूप से मशीन उसे रद्द कर देती थी।
चिरंजीव भट्टाचार्य कहते हैं, 'AI इस क्षेत्र में सहायक होगा। वह एक संभावना की तलाश करेगा। विचार किया जाएगा कि दोनों निशानों में से कौन सा बेहतर तरीके से लगाया गया है। परीक्षार्थी ने जिस उत्तर पर अधिक दबाव डालकर निशान लगाया है। उसी को सही उत्तर माना जाएगा।'
कई बार गलती से किसी ने एक गलत उत्तर के विकल्प में हल्का निशान लगा दिया था। बाद में सही उत्तर चुन लिया है। AI उस सही उत्तर को ही चुनेगा। इसके अलावा कोई और समस्या उत्पन्न हुई तो एक ऑपरेटर भी होगा। जो आवश्यकता के अनुसार व्यवस्था करेगा। कॉपी देखने के काम में यदि AI का उपयोग बढ़े, तो क्या शिक्षकों की भूमिका क्रमशः कम होती जाएगी? बोर्ड इस तर्क में विश्वास नहीं करता है। क्योंकि बड़े प्रश्नों के उत्तर के मूल्यांकन के मामले में बोर्ड 'ह्यूमन इंटेलिजेंस' पर ही सबसे अधिक भरोसा करता है।