7 लाख करोड़ रुपये डूब गये, शेयर बाजार लाल रंग में बंद, क्यों हुआ ऐसा हाल?

दो बेंचमार्क इंडेक्स के साथ-साथ स्मॉल कैप, मिड कैप और सेक्टोरल इंडेक्स भी गिरे हैं।

By अंशुमान गोस्वामी, Posted by: श्वेता सिंह

Dec 08, 2025 17:13 IST

मुंबईः देश का शेयर बाजार हफ्ते के पहले ट्रेडिंग सेशन में गिरावट की ओर है। सोमवार को बाजार खुलने के साथ ही सेंसेक्स और निफ्टी 50 में गिरावट शुरू हो गई थी। दिन चढ़ने के साथ गिरावट का दायरा बढ़ता गया। दो बेंचमार्क इंडेक्स के साथ-साथ स्मॉल कैप, मिड कैप और सेक्टोरल इंडेक्स भी गिरे हैं। रिजर्व बैंक गवर्नर ने शुक्रवार को रेपो रेट में 25 बेसिस पॉइंट की कटौती की घोषणा की। इस घोषणा के बाद शुक्रवार को बाजार में तेजी आई। लेकिन यह बढ़त स्थायी नहीं थी। सोमवार को आखिर शेयर बाजार में करोड़ों रुपये क्यों डूब गये? क्या वजह है कि शेयर बाजार लाल रंग में बंद हुआ ?

सोमवार को इंट्रा-डे ट्रेडिंग में सेंसेक्स और निफ्टी 50 में करीब 1 प्रतिशत की गिरावट आई। सेंसेक्स 800 से ज्यादा पॉइंट गिरा। हालांकि देश के दो बेंचमार्क इंडेक्स बाजार बंद होने पर उस लेवल से थोड़ा ऊपर हैं। सोमवार को बाजार बंद होने पर निफ्टी 50 25,960 पॉइंट पर है। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का यह इंडेक्स 225 पॉइंट या 0.86 परसेंट गिरा। बाजार बंद होने पर सेंसेक्स 85,102 पॉइंट पर है। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का इंडेक्स सोमवार को 609 पॉइंट या 0.71 परसेंट गिरा। इससे बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज की लिस्टेड कंपनियों का कंबाइंड मार्केट कैपिटलाइजेशन 7 लाख करोड़ रुपये घटकर 464 करोड़ रुपये रह गया।

बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज के मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स में 2 परसेंट से ज़्यादा की गिरावट आई। दोनों स्टॉक एक्सचेंज के सभी सेक्टोरल इंडेक्स गिरे। निफ्टी में इंडिया डिफेंस, रियल्टी और इंडिया टूरिज्म सेक्टोरल इंडेक्स में 3 परसेंट से ज़्यादा की गिरावट आई। निफ्टी PSU बैंक सेक्टोरल इंडेक्स में 2.81 परसेंट की गिरावट आई। हालांकि, निफ्टी बैंक में 0.90 परसेंट की गिरावट आई। इसके अलावा FMCG, ऑटो, फार्मा, एनर्जी, कैपिटल मार्केट, मेटल जैसे ज़रूरी सेक्टोरल इंडेक्स में 1 से 2 परसेंट तक की गिरावट आई।

बाजार विशेषज्ञों ने सोमवार को मार्केट में गिरावट की कई वजहें बताई हैं जिनमें सबसे पहली वजह रुपये की कमजोरी थी। US डॉलर के मुकाबले रुपये का एक्सचेंज रेट 90.15 है। इंटरनेशनल मार्केट में कच्चे तेल की कीमत भी बढ़ी है। इसलिए विशेषज्ञों के मुताबिक, GDP ग्रोथ मजबूत होने के बावजूद रुपये की कीमत में गिरावट से मार्केट में नेगेटिव सेंटिमेंट बना है।

इस हफ्ते US फेडरल रिजर्व इंटरेस्ट रेट्स पर कोई फैसला ले सकता है। ऐसी अटकलें हैं कि US पॉलिसी बनाने वाला बैंक इंटरेस्ट रेट्स में 25 बेसिस पॉइंट्स की कटौती कर सकता है। इसे देखते हुए देश में इन्वेस्टर सावधानी से कदम उठा रहे हैं जिसका असर मार्केट पर पड़ा है।

विशेषज्ञों का कहना है कि भारत और US के बीच ट्रेड एग्रीमेंट पर कोई सहमति न बनना और इस बारे में अपडेट की उम्मीद न होना मार्केट की निराशा बढ़ा रहा है। सेंसेक्स और निफ्टी50 भी इसके असर से बच नहीं पा रहे हैं। इसके अलावा, इस साल के बीच से ही विदेशी निवेशकों का भारतीय बाज़ार से निवेश निकालने का ट्रेंड जारी है। साल के आखिरी महीने में भी इसमें कोई बदलाव नहीं हुआ है। दिसंबर के पहले पांच सेशन में भारतीय बाज़ार से 10,404 करोड़ रुपये का निवेश निकाला गया है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि इससे बाज़ार में गिरावट आ रही है।

(समाचार एई समय, किसी को भी ऑनलाइन निवेश करने की सलाह नहीं देते हैं। शेयर बाज़ार या किसी भी फ़ील्ड में निवेश रिस्की होता है। उससे पहले, ठीक से स्टडी करने और एक्सपर्ट की सलाह लेने की सलाह दी जाती है। यह खबर एजुकेशनल और अवेयरनेस के मकसद से पब्लिश की गई है।)

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