रुपये की गिरावट या कुछ और? क्यों लुढ़क गए देश के सरकारी बैंकों के शेयर?

डाउन मार्केट में भी देश के शीर्ष निजी बैंकों के शेयर बढ़े। पीएसयू बैंकों के शेयरों में भारी गिरावट क्यों?

By अंशुमान गोस्वामी, Posted by: श्वेता सिंह

Dec 03, 2025 20:11 IST

बाजार में गिरावट के बीच बुधवार को देश के कई सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के शेयरों में भी भारी गिरावट देखी गई। निफ्टी पीएसयू बैंक इंडेक्स में दर्ज सभी बैंकों के शेयरों में बड़ी गिरावट हुई है। बुधवार को इस सेक्टोरल इंडेक्स के अंक तीन प्रतिशत से अधिक गिरे लेकिन डाउन मार्केट में भी देश के शीर्ष निजी बैंकों के शेयर बढ़े। फिर पीएसयू बैंक क्यों गिरावट के गड्ढे में चले गए?

बुधवार को देश के सरकारी बैंकों के शेयर 1 प्रतिशत से लेकर 6.5 प्रतिशत तक गिरे। इंडियन बैंक का शेयर 6.41 प्रतिशत गिरकर 804 रुपये हुआ। पीएनबी का शेयर 4.75 प्रतिशत गिरकर 119 रुपये हुआ। केनरा बैंक का शेयर 4.57 प्रतिशत गिरकर 145 रुपये हुआ। बैंक ऑफ इंडिया का शेयर 4.12 प्रतिशत गिरकर 139 रुपये हुआ। बैंक ऑफ बड़ौदा का शेयर 3.21 प्रतिशत गिरकर 287 रुपये हुआ। यूनियन बैंक ऑफ इंडिया का शेयर 3.23 प्रतिशत गिरकर 150 रुपये हुआ। सेंट्रल बैंक का शेयर 2.69 प्रतिशत गिरकर 37.15 रुपये हुआ। यूको बैंक का शेयर 2.25 प्रतिशत गिरकर 29.9 रुपये हुआ। बैंक ऑफ महाराष्ट्र का शेयर 1.82 प्रतिशत गिरकर 56.5 रुपये हुआ। एसबीआई का शेयर 1.72 प्रतिशत गिरकर 950 रुपये हुआ। इंडियन ओवरसीज बैंक का शेयर 1.24 प्रतिशत गिरकर 38 रुपये हुआ।

फॉरेन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट (FDI) से जुड़ी एक नई जानकारी ही सरकारी बैंकों के शेयरों में भारी गिरावट का कारण है, ऐसा बाजार विशेषज्ञों का मत है। अक्टूबर की शुरुआत में कई मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया था कि कई सरकारी बैंकों में एफडीआई की सीमा 20 प्रतिशत से बढ़ाकर 49 प्रतिशत की जा सकती है। यह खबर आने के बाद सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के शेयर बढ़े भी थे।

मंगलवार को राज्यसभा में सरकारी बैंकों में विदेशी निवेश के मुद्दे पर सवाल पूछा गया। वहां वित्त मंत्रालय के राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने बताया कि इस समय एफडीआई लिमिट बढ़ाने की कोई योजना नहीं है। एक अन्य प्रश्न के उत्तर में मंत्री ने कहा कि 2020 के बाद केंद्र सरकार ने 12 सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के शेयर नहीं घटाए हैं। हालांकि कुछ पीएसयू बैंकों द्वारा बाजार में अतिरिक्त शेयर जारी करने के कारण कुछ बैंकों के शेयरहोल्डिंग में मामूली बदलाव आया है।

देश के पीएसयू बैंकों में एफडीआई की सीमा 20 प्रतिशत है और निजी बैंकों के लिए यह सीमा 74 प्रतिशत है। हालांकि निजी बैंक 49 प्रतिशत एफडीआई सामान्य प्रक्रिया के तहत प्राप्त कर सकते हैं लेकिन इससे अधिक एफडीआई के लिए सरकार की मंजूरी लेनी होती है।

(‘समाचार एई समय’ कहीं भी निवेश के लिए सलाह नहीं देता। शेयर बाजार या किसी भी क्षेत्र में निवेश जोखिम के साथ आता है। इसके लिए पहले सही जानकारी और विशेषज्ञ की सलाह आवश्यक है। यह खबर केवल शिक्षा और जागरूकता के उद्देश्य से प्रकाशित की गई है।)

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