पॉज़िटिव शुरुआत के बाद भी शेयर बाजार में गिरावट, दलाल स्ट्रीट की इस हालत के पांच कारण

दोनों बेंचमार्क इंडेक्स नई ऊंचाई पर पहुंच गए, लेकिन यह बढ़त का ट्रेंड मार्केट बंद होने तक नहीं रहा।

By अंशुमान गोस्वामी, Posted by: श्वेता सिंह

Dec 01, 2025 17:57 IST

दिसंबर महीने के पहले ही दिन शेयर बाजार में सेंसेक्स और निफ्टी50 में बड़ी बढ़त के साथ कारोबार की शुरुआत हुई। इसके चलते दोनों बेंचमार्क इंडेक्स नए उच्च स्तर पर पहुंच गए थे, जिसे देखकर निवेशकों में उम्मीद बढ़ी। लेकिन यह तेजी बाज़ार बंद होने तक कायम नहीं रह सकी। दोपहर 12 बजे के बाद से ही बाज़ार में गिरावट शुरू हो गई और सप्ताह के पहले सत्र में सेंसेक्स और निफ्टी50 दोनों लाल निशान पर बंद हुए।

सोमवार को निफ्टी50 27.21 अंक गिरकर 26,175 अंक पर बंद हुआ। सेंसेक्स में 64 अंकों की गिरावट दर्ज की गई, जिसके बाद बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का बेंचमार्क इंडेक्स 85,641 अंक पर रहा। सेंसेक्स और निफ्टी50 के साथ मिड-कैप इंडेक्स भी 0.19% गिरा, जबकि स्मॉल-कैप इंडेक्स में 0.05% की बहुत हल्की बढ़त देखने को मिली।

सैक्टोरल इंडेक्स का प्रदर्शन

सोमवार को देश के दोनों स्टॉक एक्सचेंजों में सेक्टोरल इंडेक्स का मिश्रित प्रदर्शन देखा गया। निफ्टी में ऑटो (0.79%), मेटल (0.58%), IT (0.39%), PSU बैंक (0.25%), कैपिटल मार्केट (0.29%) और मैन्युफैक्चरिंग (0.15%) जैसे सेक्टोरल इंडेक्स में बढ़त दर्ज की गई।

लेकिन बैंक, ऑयल एंड गैस, इंफ्रास्ट्रक्चर, फार्मा, रियल्टी और फाइनेंशियल सर्विसेज जैसे कई प्रमुख सेक्टोरल इंडेक्स में गिरावट आई।

बाज़ार में गिरावट के कारण

बाज़ार विशेषज्ञों के अनुसार देश के शेयर बाजार में पहले सत्र की मजबूत तेजी के बाद दूसरे सत्र में गिरावट आने के पीछे कई कारण जिम्मेदार रहे।

GDP डेटा का मिश्रित प्रभाव: चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में GDP वृद्धि दर में उछाल ने सुबह बाजार को मजबूती दी थी। लेकिन नाममात्र GDP के कमज़ोर आंकड़ों ने निवेशकों की चिंता बढ़ा दी।

ब्याज दरें अपरिवर्तित रहने के संकेत: कई सूत्रों के अनुसार, RBI दिसंबर की मौद्रिक नीति बैठक के बाद ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं करेगा। यह संकेत निवेशकों की भावनाओं पर नकारात्मक असर डाल रहा है।

GST संग्रह में मामूली वृद्धि: सोमवार को जारी नवंबर के GST कलेक्शन डेटा में केवल 0.7% की बढ़ोतरी दिखी। जीएसटी दरों में हालिया बदलाव के बाद राजस्व संग्रह की धीमी गति ने बाजार पर दबाव बनाया।

रुपये की भारी गिरावट: डॉलर की तुलना में रुपये के मूल्य में तेज गिरावट दर्ज की गई और भारतीय मुद्रा रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंची। रुपये की कमजोरी का सीधा असर शेयर बाजार पर पड़ा।

एशियाई बाजारों में गिरावट: सोमवार को एशिया के अधिकांश बाजारों में गिरावट देखी गई, जिसका नकारात्मक प्रभाव भारतीय बाजार पर भी पड़ा।

(‘समाचार एई समय’ किसी भी तरह के निवेश की सलाह नहीं देता। शेयर बाजार या किसी भी प्रकार के निवेश में जोखिम शामिल है। निवेश से पूर्व उचित अध्ययन और विशेषज्ञ की सलाह आवश्यक है। यह समाचार केवल जागरूकता और जानकारी के उद्देश्य से प्रकाशित किया गया है।)

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