भारत का निर्यात बाज़ार एक बार फिर गंभीर संकट का सामना कर रहा है। रेटिंग एजेंसी CRISIL की नवीनतम रिपोर्ट बताती है कि अक्टूबर 2024 में भारत का कुल मर्चेंडाइज निर्यात 11.8% घटकर 34.38 बिलियन डॉलर पर आ गया। अगस्त 2024 के बाद यह लगातार दूसरा महीना है जब निर्यात में भारी गिरावट दर्ज की गई है।
अमेरिका का 50% तक शुल्क बढ़ाने का फैसला गिरावट की वजह
विशेषज्ञों का कहना है कि 27 अगस्त से अमेरिका द्वारा भारतीय सामानों पर शुल्क 50% बढ़ाने का सीधा असर अक्टूबर के आंकड़ों में साफ दिख रहा है। इसके कारण निर्यात आधारित उद्योगों में अनिश्चितता बढ़ी, वैश्विक ऑर्डर घटे, बाज़ार में सिकुड़न की स्थिति बनी हुई है। लगभग सभी प्रमुख क्षेत्रों में गिरावट, पेट्रोलियम और कोर सेक्टर सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं।
CRISIL रिपोर्ट के अनुसार पेट्रोलियम उत्पादों का निर्यात अक्टूबर में 10.4% घटा, जबकि सितंबर में इसमें 15.1% वृद्धि दर्ज हुई थी। कोर सेक्टर में सितंबर की 6.1% वृद्धि अक्टूबर में बदलकर (-) 10.2% गिरावट हो गई। रत्न–गहना, पेट्रोलियम, लोहा–इस्पात, मशीनरी जैसे लगभग हर प्रमुख क्षेत्र में निर्यात कम हुआ है।
अमेरिकी बाज़ार में गिरावट कम, अन्य देशों में हालत बदतर
अमेरिका भारत का एक प्रमुख निर्यात बाज़ार है। वहां अक्टूबर में निर्यात 8.6% घटकर 6.3 बिलियन डॉलर पर पहुंचा जबकि सितंबर में यह गिरावट 11.9% थी अर्थात थोड़ी सुधार की झलक। साथ ही, अमेरिका द्वारा 16 नवंबर को 254 खाद्य उत्पादों पर शुल्क कम करने का फैसला विशेष रूप से चाय और मसालों के निर्यात को नई उम्मीद दे रहा है। अमेरिका के अलावा बाकी देशों में अक्टूबर में निर्यात 12.5% घटा जबकि सितंबर में 10.9% की वृद्धि हुई थी।
रोजगार और उद्योग पर पड़ेगा असर
अर्थशास्त्रियों का मानना है कि अगर यह गिरावट लंबी चली, तो रोजगार पर दबाव बढ़ेगा, औद्योगिक उत्पादन पर असर पड़ेगा, विदेशी व्यापार संतुलन गड़बड़ा सकता है। हालांकि CRISIL का आंकलन है कि सेवाओं में तेजी,भारतीयों की रेमिटेंस और कच्चे तेल की अपेक्षाकृत कम कीमतों के कारण भारत का राजकोषीय घाटा नियंत्रण में बना रहेगा।
क्या भारत शुल्क संकट से जल्दी उबर पाएगा?
जब लगभग हर बड़े क्षेत्र में निर्यात गिर रहा है, तब व्यापार जगत में सिर्फ एक ही सवाल है कि क्या भारत जल्द ही इस अमेरिकी ‘शुल्क–संकट’ से उबरकर निर्यात को फिर दिशा दे पाएगा? आने वाले महीनों में बाज़ार और सरकार दोनों ही इस सवाल के जवाब का इंतज़ार करेंगे।