शारदीय नवरात्रि (Navratri) की शुरुआत 22 सितंबर से हो रही है। नवरात्रि के 9 दिन जहां देवी दुर्गा के 9 अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है। वहीं इन 9 दिनों को लेकर कई तरह की मान्यताएं भी प्रचलित हैं। नवरात्रि के 9 दिनों में रंगों का काफी महत्व माना जाता है। त्योहार के हर दिन का अपना एक अलग रंग होता है जो अलग-अलग मान्यताओं का प्रतीक होता है।
कहा जाता है कि अगर नवरात्रि के 9 दिन उन रंगों को पहनकर माता की पूजा की जाए, तो देवी मां की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
चलिए जान लेते हैं नवरात्रि के 9 दिन कौन से रंगों का महत्व होता है और उनके पीछे छिपी मान्यताओं के बारे में -
प्रथमा (मां शैलपुत्री) - सफेद रंग - यह शांति और पवित्रता का प्रतीक होता है। नवरात्रि के पहले दिन सफेद वस्त्र धारण कर पूजा करने से धार्मिक कार्यों में एकाग्रता बढ़ती है।
द्वितीया (मां ब्रह्मचारिणी) - लाल - यह रंग क्रियाशीलता और उत्साह का प्रतीक माना जाता है। कहा जाता है कि यह रंग माता रानी को सबसे ज्यादा प्रिय है। इस रंग को धारण कर देवी मां की पूजा करने से व्यक्ति में उत्साह का संचार होता है।
तृतीया (मां चंद्रघंटा) - पीला - पीला रंग स्नेह का प्रतीक माना जाता है। इस रंग को नवरात्रि के तीसरे दिन पहनकर माता रानी की पूजा करने से उनकी विशेष कृपा प्राप्त होती है।
चतुर्थी (मां कुष्मांडा) - हरा - यह रंग हर क्षेत्र में सफलता का प्रतीक है। कहा जाता है कि नवरात्रि में हरा रंग पहनकर माता रानी की पूजा-अर्चना करने से जीवन नई खुशियों से भर उठती हैं।
पंचमी (स्कंदमाता) - स्लेटी - इस रंग को संतुलन का प्रतिनिधि माना जाता है। इस रंग को पहनकर नवरात्रि के दौरान देवी की पूजा करने वाला व्यक्ति अपनी इंद्रियों पर विजय प्राप्त करने में सक्षम माना जाता है।
षष्टी (मां कात्यायनी) - नारंगी - यह रंग सकारात्मक ऊर्जा का द्योतक है। इस रंग को पहनकर देवी की पूजा करने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार बढ़ता है।
सप्तमी (मां कालरात्रि) - मोरपंखी हरा - यह रंग विशेषता को दर्शाता है। मान्यता है कि जो व्यक्ति नवरात्रि के दौरान मोरपंखी हरा रंग पहनकर देवी की पूजा करता है, उसमें प्रतिनिधित्व की क्षमता का विकास होता है।
अष्टमी (मां महागौरी) - गुलाबी - इस रंग को सद्भावना और प्रेम व स्नेह का प्रतीक माना जाता है। मान्यता है कि इस रंग को पहनकर नवरात्रि के दौरान देवी माता की पूजा करने से वैवाहिक जीवन सुखी और अच्छे वर की प्राप्ति होती है।
नवमी (मां सिद्धिदात्री) - गहरा नीला या बैंगनी - यह रंग आकाश की गहराई का प्रतिनिधित्व करता है। मान्यताओं के अनुसार इस रंग को पहनकर मां की पूजा करने वाला व्यक्ति की सुख और समृद्धि में कभी कोई कमी नहीं होती है।