अगले साल अक्टूबर के मध्य में दुर्गापूजा, जानें कब-कब छुट्टी रहेगी

दुर्गापूजा 2025 खत्म हो गई। पुत्र-पुत्री के साथ उमा कैलाश की ओर प्रस्थान कर गईं। उनकी आने की राह देखने के लिए लोग फिर एक साल इंतजार करेंगे। आइये, देखें अगले साल दुर्गापूजा कब होगी।

By Shramana Goswami, Posted by: लखन भारती

Oct 03, 2025 10:19 IST

इस साल की दुर्गा पूजा समाप्त हो गई। पंचांग के अनुसार 2 अक्टूबर गुरुवार को विजयदशमी मनाई जा रही है। चार दिन के उत्सव के बाद उमा लौट गयीं। लोगों में इसलिए उदासी छाई हुई है कि माँ के आगमन के लिए फिर एक साल का इंतजार करना होगा। लोगों के मन में इस साल की विजयदशमी से ही अगले साल की बोधनी के लिए दिनों की गणना शुरू हो जाती है। आइए, जानते हैं आने वाले साल 2026 की दुर्गापूजा कब शुरू होगी।


इस साल दुर्गापूजा बहुत जल्दी हुई। 28 सितंबर को षष्ठी के पर्व से लोगों का सबसे बड़ा उत्सव शुरू हो गया। इस कारण पूजा के दौरान कभी उमस भरी गर्मी, तो कभी बारिश होती है। इस साल काली पूजा 20 अक्टूबर को मनाई जाएगी और छठपूजा 25 अक्टूबर से 28 अक्टूबर तक मनायी जायेगी। अगले साल पूजा फिर अक्टूबर के मध्य में होगी। जानें कि 2026 में दुर्गा पूजा कब है और उसके अनुसार तय करें कि पूजा की तैयारी कब से शुरू करें।


2026 में महालया 10 अक्टूबर को है। पितृपक्ष समाप्त होने के बाद उस दिन देवीपक्ष की शुरुआत होगी। अगले दिन 21 अक्टूबर को देवीपक्ष की प्रतिपदा तिथि है। शारदीय नवरात्रि मनाने वाले लोग उसी दिन से पूजा शुरू करेंगे।

दुर्गापूजा का समयमान 2026:


महालया: 10 अक्टूबर(शनिवार)

17 अक्टूबर(शनिवार) महाषष्टी

18 अक्टूबर(रविवार) महासप्तमी

19 अक्टूबर( सोमवार) महाष्टमी

20 अक्टूबर (मंगलवार) महानवमी

21 अक्टूबर( बुधवार) विजय दशमी

आगामी वर्ष महा सप्तमी सोमवार को पड़ने के कारण 2026 में देवी का आगमन गज या हाथी पर होगा। शास्त्रानुसार, यही देवी का श्रेष्ठ वाहन माना जाता है। यदि देवी का आगमन या प्रस्थान हाथी पर होता है, तो पृथ्वी लोक सुख-शांति-समृद्धि से भर जाता है। भक्तों की मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं। लोकवासी अपने परिश्रम का फल पाते हैं। अत्यधिक वर्षा या अकाल नहीं होता, केवल आवश्यकतानुसार वर्षा होती है। आगामी वर्ष विजय दशमी बुधवार को पड़ने के कारण 2026 में देवी का प्रस्थान नौका पर होगा। शास्त्रानुसार, यदि देवी नौका पर लौटती हैं, तो परिणाम होता है “श्यस्य बुद्धि तथा जलम,” यानी प्रबल बाढ़ और अकाल देखा जाता है। नौका पर मनोकामना पूर्ण होने का सूचक होती है। धरती हरी-भरी होती है। लेकिन इसके साथ-साथ अत्यधिक वर्षा या बाढ़ का भय भी नजर आता है। अगले वर्ष एक ही दिन में पूजा के दो तिथियाँ पड़ने जैसी किसी घटना नहीं होगी। पूरे चार दिन माता हमारे घर में रहेंगी। दुर्गापूजा के कुछ दिन बाद ही बंगाली समुदाय के लोग कोजागरी लक्ष्मी पूजा में लीन हो जाते हैं। 2026 में कोजागरी लक्ष्मी पूजा रविवार 25 अक्टूबर को होगी। काली पूजा 8 नवंबर रविवार को सम्पन्न होगी। उसके तीन दिन बाद 11 नवंबर बुधवार को भईया दूज होगा।



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