प्रौद्योगिकी का उपयोग करके त्रुटिरहित मतदाता सूची तैयार करने की दिशा में निर्वाचन आयोग आगे की ओर बढ़ रहा है। आयोग का स्पष्ट कहना है कि किसी भी तरह से योग्य मतदाता का नाम मतदाता सूची से हटाया नहीं जाना चाहिए। इसी कारण, कभी 'Demographic Similar Entries' जैसे सॉफ़्टवेयर का उपयोग नकली मतदाता की पहचान के लिए किया गया, तो कभी Logical Discrepancy खोजने में AI की मदद ली गई और अब आयोग के सूत्रों के अनुसार, सुनवाई के लिए एक नया सॉफ़्टवेयर आने वाला है।
हाल ही में राज्य के CEO कार्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि राज्य के CEO कार्यालय की तरफ से इस संबंध में सॉफ्टवेयर बनाने का प्रस्ताव मुख्य निर्वाचन आयोग को भेजा गया था। आयोग के सूत्रों के अनुसार, नए सॉफ्टवेयर की संभावना है, जिसका एक्सेस ERO और AERO को मिलेगा।
आयोग सोच रहा है कि उस सॉफ़्टवेयर में कई बुनियादी विकल्प होंगे। जैसे, कहां कहां सुनवाई होगी, उसकी सूची होगी। इसके अलावा, सुनवाई के बाद मतदाताओं के दस्तावेज़ अपलोड करने की सुविधा भी होगी। इसके अलावा, सुनवाई से संबंधित अन्य डेटा की प्रविष्टि की सुविधा भी हो सकती है।
हालांकि, चूंकि यह सॉफ़्टवेयर अभी विकास के चरण में है, इसलिए राज्य के CEO कार्यालय ने इसके बारे में विशेष कुछ नहीं कहना चाहा। इस सॉफ़्टवेयर के जरिए, चुनावी अधिकारियों को सुनवाई के समय जो काफी मदद मिलने वाली है, उसे बताने की जरूरत ही नहीं है।