शनिवार से ही SIR के लिए सुनवाई के पत्र भेजने का काम शुरू हो गया। राज्य के CEO कार्यालय के सूत्रों के अनुसार, 27 दिसंबर से सुनवाई शुरू हो सकती है। राज्य के लगभग 32 लाख मतदाताओं को सुनवाई के लिए बुलाया जा सकता है। बताया गया है कि फिलहाल सुनवाई का नोटिस अंग्रेज़ी भाषा में ही भेजा जा रहा है। क्षेत्रीय भाषा में नोटिस भेजने की व्यवस्था के लिए CEO कार्यालय ने चुनाव आयोग से आवेदन किया है।
पिछले 16 दिसंबर को मसौदा मतदाता सूची जारी होने के बाद से ही सुनवाई को लेकर विभिन्न अटकलें थीं। 17 तारीख से नोटिस भेजने का प्रावधान था, लेकिन यह प्रक्रिया कुछ हद तक विलंबित हो गई। यहां तक कि क्रिसमस से पहले सुनवाई का काम शुरू नहीं किया जा सकता, यह पहले ही CEO कार्यालय द्वारा बताया गया था।
दूसरी ओर, सुनवाई के समय माइक्रो पर्यवेक्षक नियुक्त करने के मामले में शनिवार को CEO कार्यालय ने एक कदम आगे बढ़ाया। जानकारी मिली है कि कुल 3,500 माइक्रो पर्यवेक्षक होंगे। इस विषय पर राज्य के CEO मनोजकुमार अग्रवाल ने इस दिन बैठक की। बैंक से लेकर रेलवे और विभिन्न केंद्रीय सरकारी विभागों के उच्च अधिकारियों के साथ बैठक हुई। 24 दिसंबर को माइक्रो पर्यवेक्षकों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। उल्लेखनीय है कि 12 दिसंबर को CEO कार्यालय ने आयोग को माइक्रो पर्यवेक्षक नियुक्त करने के लिए पत्र भेजा था। आयोग ने बताया कि विभिन्न केंद्रीय सरकारी संस्थानों से माइक्रो पर्यवेक्षक नियुक्त किए जा सकते हैं।
सुनवाई के दौरान मुख्य रूप से ईआरओ और एआरओ के काम पर ध्यान रखें यही माइक्रो ऑब्ज़र्वर करेंगे। वे मतदाताओं के दस्तावेज़, जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र व फॉर्म की जांच करेंगे।