कोलकाताः ड्राफ्ट मतदाता सूची जारी हो चुकी है, लेकिन सुनवाई कब शुरू होगी, इसे लेकर अटकलें तेज हो गई हैं। राज्य के CEO कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, क्रिसमस से पहले सुनवाई प्रक्रिया शुरू होने की संभावना नहीं है। राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी मनोज कुमार अग्रवाल ने बताया कि सुनवाई 26 या 27 दिसंबर से शुरू हो सकती है।
आयोग की गाइडलाइन के मुताबिक, किसी भी मतदाता को सुनवाई के लिए बुलाने से पहले नोटिस भेजना अनिवार्य है। यह नोटिस संबंधित बूथ के BLO (बूथ लेवल ऑफिसर) द्वारा सीधे मतदाता के घर जाकर दिया जाएगा। यानी नोटिस की हार्ड कॉपी मतदाता के पते पर पहुंचाई जाएगी। हालांकि, यह नोटिस मतदाताओं के घर कब तक पहुंचेगा, इसे लेकर अब भी स्पष्टता नहीं है।
इस बीच, शुक्रवार को राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी मनोज कुमार अग्रवाल ने बताया कि प्राथमिक तौर पर लगभग 32 लाख ऐसे मतदाताओं को नोटिस भेजा जाएगा, जिनकी 2002 की मतदाता सूची से लिंकिंग नहीं मिल पाई है। इन मतदाताओं को सुनवाई के लिए बुलाया जाएगा। आयोग का मानना है कि यदि सब कुछ योजना के अनुसार रहा, तो शनिवार से घर-घर नोटिस पहुंचाने की प्रक्रिया शुरू हो सकती है।
हालांकि, अभी भी ‘लॉजिकल डिस्क्रेपेंसी’ सूची में शामिल करीब 1 करोड़ 36 लाख मतदाताओं की स्क्रिनिंग जारी है। इसी कारण आयोग पूरी तरह छंटनी और जांच के बाद ही नोटिस भेजने की रणनीति पर काम कर रहा है। इतना तय है कि क्रिसमस से पहले किसी भी मतदाता को सुनवाई के लिए नहीं बुलाया जाएगा।
राज्य के CEO कार्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सुनवाई प्रक्रिया की निगरानी के लिए करीब 4,000 माइक्रो ऑब्जर्वर नियुक्त करने की योजना है। शुक्रवार शाम इस नियुक्ति को लेकर CEO कार्यालय में उच्चस्तरीय बैठक भी हुई। आयोग सूत्रों के अनुसार, शनिवार तक माइक्रो ऑब्जर्वरों की नियुक्ति पूरी करने की योजना है। इस सुनवाई प्रक्रिया की निगरानी केंद्र सरकार के कर्मचारी करेंगे।