शेरनी और कोबरा के आमने-सामने की लड़ाई में पूरा जंगल हिल उठा। सब जैसे थम गए थे। शक्ति और विष के अनिवार्य संघर्ष में कौन जीतेगा, यही बड़ा सवाल था। अंततः छह साल की शेरनी 'समृद्धि' का अंत हो गया। सांप के जहर(विष) के घातक प्रभावों को रोकने या कम करने के लिए दी जाने वाली दवा एंटीवेनम(Antivenom) बार-बार दिया गया लेकिन कोई काम नहीं आया।
गुजरात के वडोदरा के सायाजिबाग चिड़ियाघर के 145 साल के इतिहास में पहली बार सांप के काटने से किसी शेरनी की मौत होने की घटना सामने आयी है। चिड़ियाघर के कर्मचारियों ने बताया कि पिछले सोमवार को खुले पिंजरे के एक कोने में समृद्धि आराम कर रही थी। अचानक एक कोबरा घुस आया। आत्मरक्षा में समृद्धि कूद पड़ी। शेरनी और सांप की मौत तक की लड़ाई शुरू हो गई।
सायाजिबाग चिड़ियाघर के केयर टेकर प्रत्युष पाटकर ने कहा, 'समृद्धि आक्रामक मूड में थी। वो बार-बार कोबरा पर हमला कर रही थी। सांप भी पलटवार कर रहा था।' कुछ मिनटों तक लड़ाई चली। इस बीच सुरक्षा कर्मियों ने यह देखा। तुरंत चिड़ियाघर प्रबंधन को सूचना दी। तब तक सांप ने समृद्धि को कई बार काट लिया था।
इसके बाद ही खबर दी गई वन विभाग के कर्मचारियों को। वे आए और कोबरा को पकड़कर ले गए। चिड़ियाघर प्राधिकरण ने शेरनी की इलाज शुरू की। पाटकर ने कहा, ‘जहर के प्रभाव से पूरा शरीर सूज गया था। घटना के बाद से पिछले पांच दिनों में समृद्धि को 10 डोज़ एंटिवेनम दी गई। इलाज में यह भी दिया जा रहा था लेकिन शुक्रवार शाम को अचानक दौरा पड़ गया। इसके बाद ही मौत हो गई।
समृद्धि पहले भी एक सांप को मार चुकी थी। पांच महीने पहले उसके पिंजरे में एक निःविष सांप घुस गया था। समृद्धि ने उसके साथ लड़ाई की थी। उसने सांप को मार भी दिया था। पाटकर के अनुसार, ‘समृद्धि साहसी थी।’