विकास भवन के सामने SLST के नए अभ्यर्थियों का आंदोलन, पुलिस ने जबरदस्ती खींचकर हटाया

अभ्यर्थियों को जबरदस्ती खींचकर वहां से हटा दिया गया। हालांकि पुलिस का दावा है विरोध-प्रदर्शन की अनुमति नहीं दी गयी थी।

By Moumita Bhattacharya

Nov 17, 2025 19:50 IST

SLST के नए अभ्यर्थियों के आंदोलन की वजह से विकास भवन के सामने हंगामा मच गया। सोमवार को करुणामई से विकास भवन तक नए अभ्यर्थियों ने रैली निकाली थी। लेकिन पुलिस पर आरोप लगाया जा रहा है कि अभ्यर्थियों को जबरदस्ती खींचकर वहां से हटा दिया गया। हालांकि पुलिस का दावा है विरोध-प्रदर्शन की अनुमति नहीं दी गयी थी। इसलिए जैसे ही शाम हुई प्रदर्शनकारियों को वहां से हटा दिया गया। प्राप्त जानकारी के अनुसार अभी तक एक व्यक्ति को पुलिस ने हिरासत में लिया है।

मिली जानकारी के अनुसार आंदोलनकारी अभ्यर्थी सेंट्रल पार्क मेट्रो स्टेशन के सामने जमा होकर अभी भी विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं। बता दें, स्कूल सर्विस कमिशन (SSC) की 11वीं-12वीं स्तर पर नियुक्ति प्रक्रिया के लिए इंटरव्यू में इन्हें बुलाया नहीं गया था। इसके विरोध में ही SLST के नए अभ्यर्थियों ने विकास भवन अभियान बुलाया था। अभ्यर्थियों का दोपहर से जमा होना शुरू हो गया था। उनकी मांग थी कि अनुभव के आधार पर दिए जा रहे 10 अंक को हटाना पड़ेगा। इसके साथ ही प्रत्येक अभ्यर्थी के ओएमआर शीट को भी जारी करना पड़ेगा।

विकास भवन के सामने आंदोलनरत अभ्यर्थियों ने विरोध-प्रदर्शन के साथ ही नारेबाजी करना शुरू कर दिया। लेकिन आरोप है कि जैसे ही शाम हुई, पुलिस ने उन्हें जबरदस्ती हटाना शुरू कर दिया। आरोप है कि उन्हें बुरी तरह से खींचकर वहां से हटाया गया। आंदोलनरत एक अभ्यर्थी ने पुलिस पर अमानवीय व्यवहार करने का आरोप लगाया। एक अन्य अभ्यर्थी ने सवाल उठाते हुए कहा, 'हमारी क्या गलती है? हम तो योग्य नौकरी ही मांगने गए थे। क्यों हमारे साथ ऐसा व्यवहार किया गया?'

अभ्यर्थियों का कहना है कि आज जो हुआ हम उसकी आशा नहीं करते थे। हम सड़क पर ऐसे उतरते रहेंगे। हमारी मांगे सरकार तक पहुंचे इसलिए ही हमने आंदोलन किया। लेकिन पुलिस ने हमें वहां से जबरदस्ती हटा दिया। वह चाहते थे कि रात के समय ट्रैफिक जाम न हो लेकिन हम भी इस तरह से नहीं हटना चाहते थे।

वहीं दूसरी ओर शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु ने आंदोलनकारियों के रिक्त पदों की संख्या बढ़ाने की मांग को स्वीकार कर लेने का संकेत भी दिया है। मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा, 'नियुक्ति की प्रक्रिया पूरी हो। मुख्यमंत्री के साथ मैंने रिक्त पदों को बढ़ाने के बारे में बात भी की है। लेकिन जब तक प्रक्रिया पूरी नहीं हो जाती है, तब तक कानूनी तौर पर मैं कुछ नहीं कह सकूंगा। बोलना सही भी नहीं है।' उन्होंने सोशल मीडिया पर अपने पोस्ट में यह भी लिखा है कि दिसंबर के मध्य तक नियुक्ति प्रक्रिया को स्वच्छता के साथ पूरा कर लिया जाएगा।

वहीं केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री सुकांत मजूमदार ने राज्य सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा, 'सभी योग्य शिक्षकों को नौकरी देनी ही होगी। इसके अलावा राज्य सरकार के पास और कोई रास्ता नहीं खुला है।'

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