कठिन लक्ष्य का पीछा करते हुए जब कोई टीम बल्लेबाजी करने मैदान में उतरती है, तो कमेंटेटर को अक्सर यह कहते हुए सुना जाता है, 'लक्ष्य मुश्किल, लेकिन नामुमकिन नहीं...!' पर क्या पश्चिम बंगाल में SIR के पहले चरण में एन्यूमरेशन फॉर्म वितरण, उसे भरना और उस डाटा को ऑनलाइन अपलोड करने के लक्ष्य का पीछा कर रहा चुनाव आयोग इस बात को ही दोहरा सकता है?
ऐसा लगता तो नहीं है। कुछ जगहों पर बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) ने भरे हुए एन्यूमरेशन फॉर्म को वापस जमा लेने का काम सोमवार से शुरू कर दिया है। इसके बाद इन सभी फॉर्म की जानकारियों को BLO ऐप में अपलोड करना होगा। इस पूरे काम को 4 दिसंबर तक खत्म कर लेना पड़ेगा।
इस हिसाब से BLO के पास अभी 18 दिनों का समय है। राज्य में इस वक्त लगभग 80,681 बूथ के BLO को घर-घर जाकर औसतन 900 से 1200 फॉर्म की जानकारियों को ऐप पर अपलोड करना होगा। BLO को प्रतिदिन औसत 90 फॉर्म का डाटा ऐप पर अपलोड करने का लक्ष्य दिया गया है। राज्य में उत्तर से दक्षिण तक हर तरफ BLO का अनुभव बता रहा है कि प्रत्येक फॉर्म के डाटा को ऐप पर अपलोड करने में कम से कम 15 से 20 मिनट का समय लग रहा है। ऐसे में प्रत्येक दिन 90 फॉर्म को अपलोड करने में कम से कम 22.5 से 30 घंटे का समय लगेगा।
कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि इस तरह से फॉर्म का डाटा BLO ऐप में अपलोड करना 'मुश्किल' ही नहीं 'नामुमकिन' है। इसके बाद इन्हीं तथ्यों के आधार पर 9 दिसंबर को मसौदा मतदाता सूची तैयार कर उसे जारी किया जाएगा। इसके बाद साल 2002 के वोटर लिस्ट के साथ जिन मतदाताओं का कोई आवश्यक लिंकेज नहीं मिलेगा, उन्हें इलेक्टोरल रजिस्ट्रेशन ऑफिसर (ERO) या एसिस्टेंट इलेक्टोरल रजिस्ट्रेशन ऑफिसर (AERO) के पास हियरिंग के लिए बुलाया जाएगा।
यह लक्ष्य लगभग असंभव है, यह समझ में आने के बाद से ही राज्य के कई इलाकों में लगातार BLO विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं। कई जिलों में BLO के बीमार पड़ जाने और अस्पताल में भर्ती होने से लेकर काम के दबाव में मृत्यु तक होने का आरोप लगाया जा रहा है।
राज्य के चुनाव आयोग को भी इन समस्याओं के बारे में समझ आ रहा है। शनिवार को CEO मनोज अगरवाल के साथ हुई बैठक में जिला चुनाव अधिकारी और जिलाधिकारियों ने BLO की नाराजगी और विरोध-प्रदर्शन के बारे में बताया है। बताया जाता है कि राज्य के कुल 7 करोड़ 66 लाख मतदाताओं में से अभी 7 करोड़ 55 लाख वोटरों में फॉर्म का वितरण किया जा चुका है।
विकल्प के तौर पर CEO ऑफिस की ओर से जिला चुनाव अधिकारी, ERO, AERO और BLO सुपरवाइजर को भी ऐप में डाटा अपलोड करने के काम में शामिल करने का अनुरोध किया गया है। बताया जाता है कि रविवार तक इस बाबत CEO ऑफिस से कोई नई जानकारी सामने नहीं आयी है।
मंगलवार को दिल्ली से चुनाव आयोग के डेप्यूटी कमिश्नर ज्ञानेश भारती के नेतृत्व में एक टीम पश्चिम बंगाल आने वाली है। संबंधित सभी लोग अब इसी उम्मीद में हैं कि इस नामुमकिन सा दिखने वाले Task को कैसे मुमकिन बनाया जाए इसकी क्या राह बतायी जाती है!