'डरने की कोई जरूरत नहीं है' सोमवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने राज्य के जिलाधिकारियों को कुछ इस तरह से आश्वस्त किया। मुख्यमंत्री ने पहले आरोप लगाया था कि 'SIR' की प्रक्रिया शुरू होने के बाद चुनाव आयोग राज्य के अधिकारियों पर दबाव बढ़ा रहा है।
सोमवार को भी उन्होंने यही आरोप लगाया और जिलाधिकारियों को संदेश दिया कि दबाव के सामने झुकने की जरूरत नहीं है। उन्होंने याद दिलाते हुए कहा कि चुनाव खत्म होने के बाद आयोग तो चला जाएगा लेकिन जिलाधिकारी (District Magistrate) राज्य के ही अधिकारी हैं। हालांकि विपक्ष इसे भरोसा नहीं बल्कि 'धमकी' करार दे रहा है।
डरे नहीं, बस अपना काम करें - ममता बनर्जी
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक सोमवार को राज्य के मुख्य सचिव मनोज Sपंत के नेतृत्व में 'बांग्लार बाड़ी' समेत कई परियोजनाओं पर एक वीडियो कॉन्फ्रेंस थी। बताया जाता है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अचानक उसमें शामिल हो गयी। वहां उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों को चेतावनी दी। बैठक में मौजूद एक अधिकारी का कहना है कि मुख्यमंत्री ने आयोग द्वारा नियुक्त किए गए एक पूर्व ब्यूरोक्रेट का नाम लिए बिना कहा कि उन्होंने एक पूर्व अधिकारी को भेजा है।
वह धमका रहे हैं, परेशान कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि वह रात को 9 या 10 बजे फोन करके धमका रहे हैं। ममता बनर्जी ने दावा किया कि वह यह कहकर डरा रहे हैं कि 'मैं उसे दिल्ली भेज दूंगा, मैं उसका ट्रांसफर कर दूंगा।' मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को आश्वस्त करते हुए कहा डरो मत, मैं यहां हूं। कुछ मत सोचो। आपलोग बस अपना काम करो। प्रशासनिक जानकारों का मानना है कि 'पूर्व-अधिकारी' से मुख्यमंत्री का इशारा पूर्व ब्यूरोक्रेट सुब्रत गुप्ता की ओर था। चुनाव आयोग ने उन्हें 'SIR' के काम के लिए बतौर स्पेशल रोल ऑब्जर्वर बंगाल भेजा है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री ने चेतावनी दी है कि बिना किसी योजना के काम करने की वजह से BLO को दिक्कतें आ रही हैं। कुछ लोग इस मौके का फायदा उठाकर कानून-व्यवस्था के लिए दिक्कतें खड़ी करने की कोशिश कर सकते हैं। इस बारे में प्रशासन को सतर्क रहना होगा। बताया जाता है कि मंगलवार की दोपहर 1:30 बजे मुख्यमंत्री ममता बनर्जी मंत्रिमंडल के सभी मंत्रियों, सचिवों और जिलाधिकारियों के साथ एक और बैठक करेंगी।
नजरंदाज न हो परियोजनाएं
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सख्त निर्देश देते हुए कहा कि ‘SIR’ के दबाव में भी ‘बांग्लार बाड़ी’ और सड़कें आदि बनाने के काम को नजरंदाज न किया जाए। उन्होंने कहा कि जो लोग जाति प्रमाण पत्र या दूसरे दस्तावेजों के लिए ऑनलाइन आवेदन नहीं कर पा रहे हैं, उनके लिए बांग्ला सहायता केंद्रों को और भी सक्रिय किया जाए। उन्होंने जिला प्रशासन से कहा कि आम लोगों को कोई दिक्कत न हो, इसे सुनिश्चित करने के लिए शिविर से सीधे ऑनलाइन आवेदन करने का इंतजाम किया जाए।