पश्चिम बंगाल की 2026 की मतदाता सूची का मसौदा (Draft) मंगलवार को जारी कर दिया गया है। अब सुनवाई के लिए बुलाने की प्रक्रिया शुरू होगी। अगर आपका नाम मतदाता सूची के मसौदे में है तब भी आपको सुनवाई के लिए बुलाया जा सकता है। आपसे दस्तावेज मांगे जा सकते हैं।
अगर आप मांगे गए दस्तावेजों को प्रस्तुत नहीं कर पाते हैं तो चुनाव आयोग इस बात पर विचार करेगा कि आपका नाम अंतिम वोटर लिस्ट में रखा जाएगा अथवा नहीं। लेकिन ऐसा नहीं है कि सुनवाई के लिए चुनाव आयोग सभी को बुलाने वाला है। आयोग कुछ चुनिंदा लोगों को ही बुलाएगा। किन्हें सुनवाई के लिए बुलाया जा सकता है?
जानें यहां विस्तार से -
सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार अब तक लगभग 58 लाख नाम मतदाता सूची से हटाए जा चुके हैं। जिन लोगों की मृत्यु हो चुकी है, हमेशा के लिए कहीं और चले गए हैं, जिनका पता नहीं चल पा रहा है या जो चुनाव आयोग के रिकॉर्ड में एन्यूमरेशन के दौरान मौजूद नहीं थे सिर्फ ऐसे लोगों का नाम ही अभी मतदाता सूची से हटाया गया है। जिन लोगों ने नियमों के मुताबिक एन्यूमरेशन फॉर्म भरने की प्रक्रिया में हिस्सा लिया था उन सभी का नाम मसौदा मतदाता सूची में हैं। अब सुनवाई के लिए इसी मसौदा मतदाता सूची के आधार पर बुलाया जाएगा।
Read Also : जारी हुआ SIR के बाद मतदाता सूची का मसौदा, कैसे देखेंगे अपना नाम? जानिए यहां पूरी पद्धति
सुनवाई के लिए किसे बुलाया जाएगा?
- करीब 30 लाख मतदाता हैं जिनकी मैपिंग नहीं हो पाई है। उन्हें सुनवाई के लिए बुलाया जाएगा। जिनका नाम साल 2002 की SIR में नहीं था लेकिन साल 2026 के मतदाता मसौदा में हैं उन्हें बुलाया जा सकता है।
- जिनका नाम आयोग की Logical Discrepancy सूची में हैं उन्हें बुलाया जाएगा। ऐसे मतदाताओं की संख्या करीब 1 करोड़ 67 लाख बतायी जाती है। अगर उनके नाम प्रोजेनी मैपिंग और सेल्फ-मैपिंग में हैं तब भी बुलाने की संभावना कम होगी, ऐसा बिल्कुल नहीं है। अगर एन्यूमरेशन फॉर्म में पिता और बेटे की उम्र का अंतर संदिग्ध है या प्रोजेनी मैपिंग में कोई गड़बड़ी है तो उन्हें बुलाया जाएगा।
- अगर जेंडर मिसमैच होता है तब भी सुनवाई के लिए बुलाया जाएगा।
साथ ही अगर मसौदा मतदाता सूची से छूटे हुए लगभग 5.8 मिलियन नामों में से कोई भी मतदाता सूची में नाम जोड़ने के लिए आवेदन करना चाहता है यानी अगर वे एन्यूमरेशन फॉर्म भरने की प्रक्रिया के समय किसी वजह से गैर-मौजूद थे या उन्हें लगता है कि स्थानांतरण की जानकारी गलत है या जिंदा मतदाताओं का नाम गलती से डेड लिस्ट शामिल हो गया है तो ऐसे मतदाता फॉर्म नंबर 6 के साथ डिक्लेरेशन फॉर्म और समर्थित कागजात जमा करके नए सिरे से आवेदन कर सकते हैं।