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अरूप विश्वास का इस्तीफा हुआ स्वीकार, किसके पास गया क्रीड़ा विभाग?

जब तक इस मामले की जांच पूरी नहीं हो जाती है, तब तक अरूप विश्वास को खेल मंत्री के पद से मुक्त किया गया है। कौन बना राज्य के खेल विभाग का मंत्री?

By Moumita Bhattacharya

Dec 16, 2025 17:00 IST

मंगलवार की दोपहर से लगाए जा रहे कयास सही साबित हुए। आखिरकार अरूप विश्वास का इस्तीफा स्वीकार कर लिया गया है। सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार राज्य के खेल मंत्री के पद से इस्तीफा देने की अरूप विश्वास की इच्छा को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने स्वीकार कर लिया है। मिली जानकारी के अनुसार जब तक इस मामले की जांच पूरी नहीं हो जाती है, तब तक अरूप विश्वास को खेल मंत्री के पद से मुक्त किया गया है। कौन बना राज्य के खेल विभाग का मंत्री?

क्या लिखा था पत्र में?

मंगलवार की सुबह सोशल मीडिया पर अरूप विश्वास का हाथ से लिखा हुआ एक पत्र तेजी से वायरल हुआ था। इस पत्र में 'श्रद्धेय दीदी' के नाम से संबोधित करते हुए लिखा गया था कि 13 दिसंबर को कोलकाता में मेसी के कार्यक्रम के दौरान युवा भारती क्रीड़ांगन में जो परिस्थिति पैदा हुई थी उसकी जांच के लिए कमेटी का गठन किया गया है। 'निरपेक्ष' जांच को सुनिश्चित करने के लिए मैं खेल मंत्री के पद से पदत्याग करना चाहता हूं। मुझे उम्मीद है कि मेरा अनुरोध स्वीकार किया जाएगा।

खेल विभाग किसके पास?

सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार अरूप विश्वास के अनुरोध को स्वीकार किया गया है। बताया जाता है कि फिलहाल खेल विभाग मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अपने पास रखेंगी। इससे पहले भी जब सारदा मामले में मदन मित्रा गिरफ्तार हुए थे तब वहीं खेल मंत्री के पद पर थे।

गिरफ्तार होने के बाद करीब 1 साल तक वह उस पद पर बने रहे थे लेकिन बाद में उन्हें हटाकर उस विभाग की जिम्मेदारी ममता बनर्जी ने खुद अपने पास रखी थी। अब युवा भारती मामले में भी अरूप विश्वास के पदत्याग करने के बाद एक बार फिर से खेल विभाग की जिम्मेदारी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के कंधों पर ही आ गयी है।

बता दें, 13 दिसंबर को युवा भारती में हजारों रुपए खर्च कर फैंस ने टिकट खरीदा था लेकिन स्टेडियम में प्रवेश करने के बाद उन्हें मेसी की एक झलक तक नहीं दिख सकी थी। आरोप लगाया जा रहा था कि मैदान में मंत्री, VVIP और सेलिब्रिटिज की भीड़ ने मेसी को घेर लिया था। जिन फैंस ने हजारों रुपए खर्च कर इस इवेंट को सफल बनाया था उन्हें ही वंचित करने का आरोप लगाया गया था।

इस मामले में मंगलवार को ही राज्य पुलिस के DG राजीव कुमार और विधाननगर के पुलिस कमिश्नर मुकेश कुमार को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। साथ ही सूत्रों का दावा है कि विधाननगर कमिश्नरेट के DCP अनीश सरकार को विभागीय जांच पूरी होने तक सस्पेंड कर दिया गया है।

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