कोलकाताः नए साल की शुरुआत के साथ ही तृणमूल कांग्रेस (TMC) राज्यभर में एक नए और अलग अंदाज के प्रचार अभियान की शुरुआत करने जा रही है। पार्टी के अखिल भारतीय महासचिव और सांसद अभिषेक बनर्जी ने शुक्रवार को एक वर्चुअल बैठक के जरिए इस अभियान की विस्तृत रूपरेखा तय की। उन्होंने पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं को साफ संदेश दिया कि वे मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के “दूत” बनकर जनता के बीच जाएं और बेहद विनम्र, सभ्य और सम्मानजनक व्यवहार के साथ राज्य सरकार के कामकाज का रिपोर्ट कार्ड लोगों तक पहुंचाएं।
अभिषेक बनर्जी ने बैठक में कहा,“आप सभी ममता बनर्जी के प्रतिनिधि के रूप में आम लोगों के घर-घर जाएंगे। आपके व्यवहार में मुख्यमंत्री के संघर्ष, संवेदनशीलता और जनता के प्रति प्रतिबद्धता दिखाई देनी चाहिए। बहुत ही भद्र तरीके से राज्य सरकार का रिपोर्ट कार्ड लोगों के हाथों में सौंपना है।”
छवि सुधार पर फोकस, व्यवहार में दिखे फर्क
पार्टी नेतृत्व अच्छी तरह जानता है कि आगामी चुनावों में तृणमूल की सबसे बड़ी ताकत ममता बनर्जी सरकार की जनकल्याणकारी योजनाएं, विकास कार्य और बूथ स्तर तक मजबूत संगठन है। वहीं, कुछ स्थानों पर पार्टी के नेता–कार्यकर्ताओं के व्यवहार को लेकर नकारात्मक धारणा भी बनी है। इसी कमी को दूर करने के लिए अभिषेक बनर्जी इस बार प्रचार अभियान को केवल योजनाओं तक सीमित नहीं रख रहे, बल्कि व्यवहार और शालीनता को भी मुख्य मुद्दा बना रहे हैं।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इसी सोच के तहत अभिषेक ने यह भी निर्देश दिया है कि तृणमूल कार्यकर्ता विपक्षी दलों के समर्थकों के घरों तक भी राज्य सरकार के कामकाज का रिपोर्ट कार्ड लेकर जाएं। इसका उद्देश्य है यह दिखाना कि तृणमूल कांग्रेस अन्य दलों से अलग है और जनता से संवाद में विनम्रता और सम्मान को प्राथमिकता देती है।
SIR प्रक्रिया के बीच भी प्रचार की शुरुआत
हालांकि राज्य में इस समय मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) की प्रक्रिया चल रही है, लेकिन इसके बावजूद तृणमूल कांग्रेस ने 1 जनवरी से विकास आधारित प्रचार शुरू करने का फैसला किया है। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, जनवरी महीने से अभिषेक बनर्जी खुद भी जिलों का दौरा शुरू करेंगे और संगठन को जमीनी स्तर पर मजबूत करेंगे।
इस अभियान की रूपरेखा तय करने के लिए हुई वर्चुअल बैठक में पार्टी के विधायक, सांसद, नगरपालिकाओं के चेयरमैन और विभिन्न स्तरों के करीब 15 हजार नेता और पदाधिकारी शामिल हुए। बैठक में दो चरणों वाले जनसंपर्क अभियान का पूरा रोडमैप प्रस्तुत किया गया।
पहला चरण: बंगाल के समर्थन में संपर्क
प्रचार अभियान के पहले चरण का नाम रखा गया है ‘बंगाल के समर्थन में संपर्क ’। इस चरण में राज्य के लगभग 1,800 विशिष्ट और प्रभावशाली व्यक्तियों के घर जाकर ममता सरकार के 15 वर्षों के कार्यकाल का रिपोर्ट कार्ड सौंपा जाएगा।
इसके लिए कुल 38 टीमें बनाई गई हैं। हर टीम में एक सांसद, एक विधायक और जिला तथा ब्लॉक स्तर के नेता शामिल होंगे। इन विशिष्ट लोगों को एक विशेष किट भी दी जाएगी, जिसमें ‘उन्नयन की पांचाली’ शीर्षक से राज्य सरकार की उपलब्धियों का विवरण होगा। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का लिखा हुआ एक व्यक्तिगत पत्र भी शामिल रहेगा।
दूसरा चरण: ‘उन्नयन संवाद’
दूसरे चरण का नाम दिया गया है ‘उन्नयन संवाद’, जो पूरी तरह बूथ स्तर पर केंद्रित होगा। इसके लिए हर विधानसभा क्षेत्र में तीन टीमें गठित की जाएंगी, जो आम मतदाताओं से सीधा संवाद करेंगी।
इस चरण में केंद्र सरकार के खिलाफ राज्य के कथित वित्तीय बकाये का मुद्दा भी प्रमुखता से उठाने के निर्देश दिए गए हैं। सूत्रों के अनुसार, अभिषेक बनर्जी ने बैठक में कहा कि केंद्र सरकार के पास राज्य के लगभग दो लाख करोड़ रुपये बकाया हैं। इसके बावजूद राज्य सरकार लक्ष्मी भंडार योजना पर सालाना करीब 28 हजार करोड़ रुपये और लगभग 20 हजार किलोमीटर सड़कों के निर्माण पर 8 हजार करोड़ रुपये खर्च कर रही है। पार्टी कार्यकर्ताओं को यह तथ्य जनता के बीच मजबूती से रखने को कहा गया है।
विकास, संवाद और विनम्रता पर आधारित रणनीति
इस पूरे अभियान के जरिए तृणमूल कांग्रेस का फोकस केवल सरकार की उपलब्धियों के प्रचार पर नहीं, बल्कि जनता के साथ संवाद के तरीके को भी बदलने पर है। पार्टी नेतृत्व चाहता है कि तृणमूल की पहचान एक ऐसी राजनीतिक शक्ति के रूप में बने, जो विकास के साथ-साथ शालीनता, संवेदनशीलता और जनभागीदारी को भी समान महत्व देती है।