पश्चिम बंगाल में शून्य की स्थिति से उबरने के लिए सीपीएम ने 2026 के विधानसभा चुनाव में कुछ निर्दिष्ट विधानसभा केंद्रों को प्राथमिक रूप से टारगेट किया है। इन विधानसभा केंद्रों में नए चेहरे अथवा हेवीवेट उम्मीदवार को सामने रखकर अतिरिक्त शक्ति के साथ जोरदार प्रचार की योजना बनाई है गयी है। 2024 के लोकसभा चुनाव के परिणाम, जिला नेतृत्व की संगठनात्मक रिपोर्ट, गठबंधन समीकरण जैसे विभिन्न मुद्दों को ध्यान में रखते हुए ही कुछ विधानसभा केंद्रों को टारगेट किया गया है।
राज्य में चल रही स्पेशल इंटेंसिव रिविजन प्रक्रिया(SIR) के दौरान ही आगामी 29 नवंबर को कूचबिहार के तूफानगंज से सीपीएम 'बांग्ला बाचाओ पदयात्रा' शुरू करने जा रही है। उत्तर 24 परगना जिले के कमरहट्टी में 17 दिसंबर को यह पदयात्रा समाप्त होगी।
सीपीएम मुख्यालय अलीमुद्दीन स्ट्रीट ने इस पदयात्रा का रूटमैप इस तरह तैयार किया है कि 2026 के टारगेट विधानसभा केंद्रों के बड़े हिस्से से होकर लॉन्ग मार्च गुजरे। सीपीएम नेतृत्व ने उत्तर बंगाल के सभी जिलों से होकर इस लॉन्ग मार्च को ले जाने की योजना बनाई है लेकिन दक्षिण बंगाल के पश्चिम बर्दवान, बीरभूम, पुरुलिया, बांकुड़ा, झाड़ग्राम, पूर्व और पश्चिम मेदिनीपुर, दक्षिण 24 परगना जिले में मुख्य पदयात्रा नहीं जाएगी। हालांकि इन जिलों में भी चुने गए कुछ विधानसभा केंद्र अलीमुद्दीन स्ट्रीट की नजर में हैं। सीपीएम सूत्रों की खबर के अनुसार दक्षिण 24 परगना जिले में यादवपुर सहित तीन-चार केंद्र, बीरभूम के हासन सहित कई केंद्र, पश्चिम बर्धमान के कई केंद्र अलीमुद्दीन स्ट्रीट की टारगेट सूची में हैं। तुफानगंज से कामारहाटी तक सीपीएम की मुख्य पदयात्रा जब चलेगी, तब इन विधानसभा केंद्रों में अलग रैली करने की योजना बनाई गई है।
अलीमुद्दीन स्ट्रीट के टारगेट विधानसभा केंद्रों का एक हिस्सा मुर्शिदाबाद जिले में है। इस कारण 'बांग्ला बाचाओ' लॉन्ग मार्च मुर्शिदाबाद के कुल 22 विधानसभा केंद्रों में से 12 विधानसभा केंद्रों से होकर गुजरेगी। सीपीएम के मुर्शिदाबाद जिला सचिव जमीर मोल्ला का कहना है कि कुल पांच दिन मुर्शिदाबाद जिले में रहेगी यह पदयात्रा। रघुनाथगंज, लालगोला, हरिहरपाड़ा, रानीनगर आदि जगहों पर बड़ी सभाएं होंगी। मालदह में भी पदयात्रा तीन दिन घूमेगी। अलीमुद्दीन स्ट्रीट ने '26 की दिशा में देखते हुए जो विधानसभा केंद्रों को टारगेट किया है, उसका एक हिस्सा मालदा जिले में है। सीपीएम के मालदा जिले के वरिष्ठ नेता अंबर मित्र के अनुसार, 'मालतीपुर, मानिकचक, चांचल, हरिशचंद्रपुर आदि विधानसभा केंद्रों में बड़ी सभाएं होंगी।'
2019 के लोकसभा, 2021 के विधानसभा और 2024 के लोकसभा चुनाव में सीपीएम खाता नहीं खोल पाने के कारण अलीमुद्दीन स्ट्रीट के अंदर अलग रणकौशल अपनाने की योजना शुरू हुई है। अंत में कांग्रेस के साथ गठबंधन हो या न हो, सीपीएम के अपने उम्मीदवार जितने केंद्रों में होंगे, सभी केंद्रों में समान शक्ति प्रदर्शन व प्रचार न करके जो केंद्र 'संभावनाओं से भरे' हैं, वहां अतिरिक्त जोर देने की रणनीति अपनाई जायेगी। पार्टी मुख्यालय का लक्ष्य 25 दिन की इस लॉन्ग मार्च को सभी जिलों में न ले जाकर टारगेटेड विधानसभा से होकर ले जाकर संगठन को 'वार्म-अप' कराना है।