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किसकी सुनवाई घर बैठे होगी ? आयोग ने स्पष्ट किया, इसे 'नैतिक जीत' देख रही तृणमूल

राज्य के CEO कार्यालय के सूत्रों के अनुसार, सोमवार शाम को सभी जिला उपायुक्तों को पत्र भेजा गया है।

By शुभ्रजीत चक्रवर्ती, Posted by: लखन भारती

Dec 29, 2025 22:47 IST

मसौदा मतदाता सूची के प्रकाशन के बाद सुनवाई प्रक्रिया को लेकर पश्चिम बंगाल में नया विवाद शुरू हो गया है। कई जगहों पर बीमार, वृद्ध और विशेष रूप से असक्षम मतदाताओं को सुनवाई के लिए परेशान होना पड़ रहा है। इस तरह के कई दृश्य सामने आए हैं। उन्हें लंबे समय तक लाइन में इंतजार करना पड़ रहा है। इस मुद्दे पर विरोध जताते हुए उस दिन राज्य के CEO कार्यालय में विशेष मामलों में कम से कम घर जाकर सुनवाई की मांग तृणमूल कांग्रेस की एक प्रतिनिधि टीम ने की थी। सोमवार शाम को इस विषय पर चुनाव आयोग ने अपना रुख स्पष्ट किया। साफ कहा गया कि 85 साल या उससे अधिक उम्र होने पर, विशेष रूप से असक्षम, बीमार, गर्भवती मामलों में घर जाकर जानकारी की पुष्टि की जाएगी।

राज्य के CEO कार्यालय के सूत्रों के अनुसार, सोमवार शाम को सभी जिले के कलेक्टर्स को एक पत्र भेजा गया है। उसी पत्र में बताया गया है कि 85 वर्ष या उससे अधिक उम्र के बुजुर्ग, विशेष रूप से असक्षम, बीमार व्यक्तियों को सुनवाई में बुलाने की आवश्यकता नहीं है। यदि उन्हें नोटिस भेजा गया है, तो उन्हें फोन के माध्यम से बताना होगा कि उन्हें सुनवाई में पहुंचने की आवश्यकता नहीं है। ऐसी स्थिति में उनके घर जाकर जानकारी की पुष्टि की जा सकती है। आयोग के कुछ अधिकारियों का दावा है कि इसके संबंध में पहले भी निर्देश जारी किए गए थे। सोमवार को इस विषय को स्पष्ट किया गया है।

इस बीच, खबर है कि सोमवार को कई जिलों में सुनवाई प्रक्रिया मध्य में रुक गई। सुनवाई प्रक्रिया में मतदाता के साथ BLA को उपस्थित नहीं होने दिया जा रहा है। इस मुद्दे पर विरोध जताने के कारण सुनवाई बंद कर दी गई, ऐसा आरोप है। सुनवाई सत्र में प्रत्येक राजनीतिक दल के BLA को उपस्थित होने की अनुमति दी जाए, इसके लिए तृणमूल ने भी आवेदन किया है। इस विषय को चुनाव आयोग को बताया गया है, ऐसा CEO मनोज कुमार अग्रवाल ने दावा किया है।

सोमवार को सुनवाई के काम के लिए निरीक्षण पर जाने पर विशेष पर्यवेक्षक सी मुरुगन को प्रदर्शन का सामना करना पड़ा। सीईओ ने कहा, 'डीएम, डीजीपी और विशेष पुलिस अधिकारी से सी मुरुगन पर हमले की घटना की रिपोर्ट मांगी गई है।' पूरे मामले की जानकारी निर्वाचन आयोग को दी जाएगी।

राज्य के CEO कार्यालय की ओर से यह पत्र भेजने के बाद तृणमूल के अखिल भारतीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने एक्स हैंडल पर लिखा, ‘हमारी प्रतिनिधिमंडल ने आज पश्चिम बंगाल के मुख्य निर्वाचन अधिकारी के समक्ष इस विषय को उठाया है और हमें खुशी है कि बाद में लोगों को राहत देने के लिए CEO कार्यालय ने कदम उठाया।’ इसके अलावा अभिषेक का बयान, ‘हम आयोग से अनुरोध कर रहे हैं कि वरिष्ठ नागरिकों, विशेष रूप से 60 वर्ष से अधिक आयु के और जो किसी शारीरिक बीमारी या कई बीमारियों से पीड़ित हैं, उनके मामलों को मानवीय आधार पर विचार किया जाए। हमें आशा है कि इस प्रकार के व्यक्तियों को सुनवाई के लिए बुलाए जाने से छूट दी जाएगी, ताकि उन्हें किसी अनावश्यक कष्ट का सामना न करना पड़े।’

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