चुनाव आयोग को पत्र लिखकर ममता बनर्जी ने SIR प्रक्रिया को क्यों 'अनियोजित व जबरदस्ती का अभियान' कहा?

मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार को लिखे पत्र में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा, 'तुरंत इस प्रक्रिया को बंद करके इस कार्य से जुड़े व्यक्तियों को प्रशिक्षण व हर तरह की सहायता प्रदान करके समय लेकर इस काम को पूरी की जाए।'

By Debdeep Chakraborty, Posted By : Moumita Bhattacharya

Nov 20, 2025 17:29 IST

बुधवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने SIR प्रक्रिया को 'अनियोजित' (Unplanned) करार देते हुए इसे अविलंब बंद करने की मांग की थी। गुरुवार को मुख्यमंत्री ने देश के मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार को पत्र लिखा। अपने पत्र में उन्होंने लिखा है कि कम समय में इस पूरी प्रक्रिया को सम्पन्न करने की वजह से BLO व आम नागरिक सभी को परेशानी हो रही है। इसलिए तुरंत इस प्रक्रिया को बंद करके इस कार्य से जुड़े व्यक्तियों को प्रशिक्षण व हर तरह की सहायता प्रदान करके समय लेकर इस काम को पूरा करने की बात उन्होंने कही।

नष्ट हो रही वोटर लिस्ट की वैधता

बर्दवान में बीमार पड़कर एक BLO की मौत का मामला सामने आया है। बुधवार को जलपाईगुड़ी जिले के मालबाजार इलाके में आरोप लगाया गया है कि काम के दबाव की वजह से एक BLO ने आत्महत्या कर ली है। ममता बनर्जी ने अपने पत्र में इस बात का उल्लेख किया है। राज्य भर में निर्धारित समय सीमा में SIR का काम खत्म करने को लेकर BLO को अमानवीय परिश्रम करना पड़ रहा है। मुख्यमंत्री ने अपने पत्र में आरोप लगाया है कि चुनाव आयोग इस समस्या को नहीं समझ रहा है बल्कि BLO के खिलाफ ही कठोर कदम उठाने की धमकी दे रहा है।

उनका कहना है कि अधिकांश BLO ही सरकारी कर्मचारी हैं या शिक्षक हैं। अपने-अपने कार्यस्थल की जिम्मेदारियों को पूरा करने के साथ ही घर-घर जाकर इस काम को करने में हैरान-परेशान हो रहे हैं। ममता बनर्जी ने आशंका जताते हुए कहा कि निर्धारित समय में इस काम को पूरा करने के दबाव में आकर BLO 'गलत' व 'अधूरी' जानकारी ही जल्दबाजी में भरकर काम को किसी तरह से पूरा करने के लिए बाध्य तो नहीं हो रहे!

अपने पत्र में मुख्यमंत्री ने लिखा, 'ऐसी परिस्थिति में मैं आवेदन करती हूं कि जल्द से जल्दी उचित कार्रवाई की जाए। इस तरह की अनियोजित व जबरदस्ती का अभियान न सिर्फ लोगों के जीवन में परेशानी भर रहा है, बल्कि वोटर लिस्ट की वैधता को भी बर्बाद कर दे रहा है।'

कृषि को पहुंच सकता है नुकसान

इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने एक और समस्या की बात अपने पत्र में कही है। दिसंबर तक राज्य में धान की खेती का मौसम होता है। कुछ जिलों में इस समय आलू की खेती भी होती है। स्वाभाविक तौर पर विभिन्न जिलों में किसान इस समय खेती के कामों में व्यस्त होंगे। इन कामों को छोड़कर उन्हें इस समय SIR के लिए फॉर्म भरना या दस्तावेजों को इकट्ठा करना जैसे काम में व्यस्त होना पड़ रहा है, जिसकी वजह से राज्य की कृषि को नुकसान पहुंच सकता है।

भाजपा का तीखा वार

SIR को लेकर मुख्य चुनाव आयुक्त को लिखे मुख्यमंत्री के पत्र को लेकर प्रदेश भाजपा ने तीखा वार किया है। केंद्रीय मंत्री सुकांत मजूमदार ने अपने बयान में कहा है कि मुख्यमंत्री एक संवैधानिक संस्थान को चुनौती दे रही हैं। उन्होंने कहा, 'एक राज्य की प्रशासनिक मुखिया मुख्यमंत्री के पद पर बैठकर वह बार-बार एक संवैधानिक संस्थान को चुनौती दे रही हैं। संवैधानिक विधि-व्यवस्थाओं को सबके सामने अस्वीकार कर चुनाव आयोग व उसके अधिकारियों को लगातार धमकियां दे रही हैं। लेकिन इस तरह से डराने धमकाने और दबाव बनाने का कोई फायदा ही नहीं हुआ।'

Prev Article
मेट्रो में आत्महत्या की कोशिश, यात्री सेवाएं हुई प्रभावित
Next Article
अस्पतालों के दलाल समूह के खिलाफ पुलिस का विशेष अभियान, 2 गिरफ्तार

Articles you may like: