बंगाल की खाड़ी में बन रहा है चक्रवाती तूफान 'सेनयार', क्या बंगाल पर पड़ेगा इसका असर?

मलक्का प्रणाली के पास शनिवार को जो निम्न दबाव का क्षेत्र बना था, वह शक्तिशाली होकर सोमवार की सुबह गंभीर निम्न दबाव के क्षेत्र में बदलने वाला है।

By Moumita Bhattacharya

Nov 24, 2025 10:32 IST

दक्षिण-पश्चिमी मानसूनी हवा देश से विदा हो चुकी है। मानसूनी हवाओं के विदा होते ही अक्तूबर के अंत में आंध्र प्रदेश के तटवर्तीय इलाकों में चक्रवाती तूफान मन्था की वजह से भारी बारिश हुई थी। अब उसके ठीक महीने बाद ही नवंबर के अंतिम सप्ताह में मौसम विभाग ने बंगाल की खाड़ी में चक्रवाती तूफान की चेतावनी दी है। मौसम विभाग से मिली जानकारी के अनुसार मलक्का प्रणाली के पास शनिवार को जो निम्न दबाव का क्षेत्र बना था, वह शक्तिशाली होकर सोमवार की सुबह गंभीर निम्न दबाव के क्षेत्र में बदलने वाला है।

मौसम विशेषज्ञों की मानें तो 27 नवंबर से 29 नवंबर के बीच यह निम्न दबाव का क्षेत्र चक्रवाती तूफान 'सेनयार' में परिवर्तित हो सकता है। अगर यह गंभीर निम्न दबाव का क्षेत्र चक्रवाती तूफान में बदलता है तो मानसूनी हवाओं के विदा होने के बाद यह दूसरा चक्रवाती तूफान होगा। हालांकि मौसम विभाग ने तूफान के संभावित गतिपथ के बारे में अभी तक कोई जानकारी नहीं दी है लेकिन संभावना जतायी जा रही है कि यह चक्रवाती तूफान का ओडिशा या तमिलनाडु में से किसी राज्य के तटवर्तीय क्षेत्र से होकर स्थल भाग में प्रवेश करेगा। वर्तमान पूर्वानुमान के मुताबिक बंगाल में फिलहाल बारिश या चक्रवाती तूफान का प्रभाव पड़ने की कोई संभावना नजर नहीं आ रही है।

मानसूनी हवाओं के विदा होने के बाद उत्तर-पश्चिम भारत से ठंडी और शुष्क हवाएं लगातार प्रवेश कर रही थी। लेकिन नवंबर के तीसरे सप्ताह में हवा का प्रवाह ज्यादा शक्तिशाली नहीं हो सका था। इस वजह से तापमान का पारा अधिक नीचे नहीं जा सका था। मलक्का प्रणाली के पास जिस जगह पर निम्न दबाव का क्षेत्र बना था, उस इलाके में बंगाल की खाड़ी के ऊपरी सतह का तापमान वर्तमान में 27 डिग्री सेल्सियस के आसपास बना हुआ है। इसके ऊपर उत्तरी हवा की उपस्थिति तो है लेकिन वह काफी कमजोर मानी जा रही है। उत्तर-पश्चिम दिशा से प्रवेश कर रही हवा की गति इतनी धीमी है कि समुद्र के ऊपर बने जलवाष्प का परत टूटने की संभावना काफी कम है।

मौसम विशेषज्ञ समुद्रतल के तापमान और कमजोर हवा को किसी भी चक्रवात के निर्माण के लिए आदर्श मानते हैं। सोमवार की सुबह बंगाल की खाड़ी में जिस निम्न दबाव के क्षेत्र का निर्माण होने वाला है, वह आखिरकार चक्रवाती तूफान 'सेनयार' में परिवर्तित होता है अथवा नहीं, मौसम विभाग अभी इस बात को लेकर निश्चित नहीं है। इस वजह से ही समुद्र पर सबकी निगाहें टिकी हुई हैं। नवंबर-दिसंबर में बंगाल की खाड़ी में चक्रवाती तूफान बनने की संभावना भी ज्यादा होती है।

पहले भी ऐसे कई चक्रवाती तूफान बन चुके हैं, जिनका लैंडफॉल बंगाल अथवा ओडिशा में हुआ था। लेकिन इस बार संभावना जतायी जा रही है कि तमिलनाडु से ओडिशा के बीच किसी स्थान पर इस तूफान का संभावित लैंडफॉल हो सकता है। हालांकि तूफान का लैंडफॉल कहां होगा, यह उत्तरी हवा पर निर्भर करता है और जितना समय पास होगा, स्थान की जानकारी भी उतनी सटीक दी जा सकेगी।

मौसम विभाग से मिली जानकारी के अनुसार अगर यह चक्रवाती तूफान बनता है तो इसका नाम 'सेनयार' रखा जाएगा। यह नाम संयुक्त अरब अमीरात ने दिया है। अरबी भाषा में 'सेनयार' का अर्थ सिंह होता है।

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