समाचार एई समयः सोमवार को ही उन्होंने कहा था कि वह सख्त एक्शन लेंगे। मंगलवार को राज्यपाल CV आनंद बोस ने TMC MP कल्याण बनर्जी के खिलाफ पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई। राजभवन सूत्रों के मुताबिक, राजभवन की तरफ से हेयर स्ट्रीट पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई गई है। तीन दिन पहले कल्याण ने दावा किया था कि राजभवन में बम और बंदूकें रखी हैं। सोमवार को बम स्क्वॉड को बुलाया गया और पुलिस और सेंट्रल फोर्स की मौजूदगी में राजभवन में सर्च ऑपरेशन चलाया गया। उसके बाद बोस ने उसी दिन पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई। हालांकि, कल्याण ने कहा कि पुलिस स्टेशन को लेटर लिखने का मतलब FIR नहीं होता।
राजभवन सूत्रों के मुताबिक, कल्याण के खिलाफ इंडियन पीनल कोड की अलग-अलग धाराओं के तहत शिकायत दर्ज कराई गई है। इनमें सशस्त्र विद्रोह भड़काने के लिए BNS की धारा 151 और 152, राज्य के संवैधानिक प्रमुख के खिलाफ झूठे आरोप लगाने के लिए धारा 197 और सामाजिक सद्भाव बिगाड़ने के लिए धारा 196 का 1 (ए) शामिल है। इसके अलावा, आम लोगों में दहशत फैलाने के लिए धारा 153 (1B), 153 (1C) और 153 (2) लगाने का अनुरोध किया गया है। यह सब राज्यपाल की कुछ टिप्पणियों से शुरू हुआ। बिहार चुनाव के नतीजे घोषित होने के बाद राज्यपाल बोस ने कहा था, 'बंगाल में मतदान गोलियों से नहीं, बल्कि मतपत्रों से होना चाहिए।' शनिवार को हुगली के चंचुड़ा में 'तृणमूल लीगल सेल' की एक बैठक में कल्याण ने राज्यपाल की टिप्पणियों के जवाब में कहा था, 'राज्यपाल को राजभवन में भाजपा के अपराधियों को आश्रय देना बंद कर देना चाहिए। वह राजभवन में बैठकर अपराधियों को बुला रहे हैं। वह सभी को बंदूकें और बम दे रहे हैं। वह उनसे तृणमूल को मारने के लिए कह रहे हैं। पहले इन्हें रोकना होगा।’
इसके बाद सोमवार को राज्यपाल बोस के आदेश पर कोलकाता पुलिस के बम स्क्वॉड को बुलाया गया और राजभवन में CRPF, CISF और कोलकाता पुलिस की मौजूदगी में कॉम्बिंग सर्च की गई। पत्रकारों को भी साथ बुलाया गया। कहने की ज़रूरत नहीं कि सर्च में कुछ नहीं मिला। तब बोस ने कहा कि MP के खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाएगा। इसे देखते हुए आज श्रीरामपुर से तृणमूल MP ने कहा, ‘लेटर देने का मतलब FIR नहीं होता। मैं कानून को CV आनंद बोस से ज़्यादा समझता हूं। अगर वह शिकायत करते हैं तो उन्हें खुद करनी चाहिए। उन्हें किसी और को नहीं करने देना चाहिए। वह जो चाहें कर सकते हैं। उन्होंने भड़काऊ बातें कही हैं। वह जिन धाराओं की बात कर रहे हैं, वे सभी उनके केस में लगनी चाहिए।’