हावड़ा स्टेशन पर खड़ी ट्रेन के एसी कोच से एक यात्री से अपराधियों द्वारा सोना लुटने का मामला सामने आया है। इस घटना में 6 आरोपियों को गिरफ्तार भी किया गया है। लेकिन इस घटना ने एक बार फिर से यात्री सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं।
पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार यह घटना मंगलवार की रात को करीब 9 बजे की बतायी जाती है। उस समय हावड़ा स्टेशन के न्यू कॉम्प्लेक्स में प्लेटफार्म नंबर 22 पर खड़ी थी क्रिया योग एक्सप्रेस। बताया जाता है कि रांची निवासी दीपक कुमार ट्रेन की बी-2 कोच में यात्रा कर रहे थे। वह पेशे से गहनों के व्यापारी हैं। आरोप है कि ट्रेन में चढ़ने के तुरंत बाद अचानक 4 अपराधी भी ट्रेन की उस कोच में सवार हो गए और उनपर हमला कर दिया। उन्हें लाठियों से बेरहमी से पीटा जाने लगा।
थोड़ी ही देर में दीपक कुमार के हाथों से गहनों से भरा हुआ बैग लेकर चारों फरार हो गए। दीपक की चीख-पुकार सुनकर तुरंत आरपीएफ और जीआरपी के जवान दौड़ कर मौके पर पहुंचे। इसके बाद रेल पुलिस ने स्टेशन परिसर में लगे सीसीटीवी फुटेज को खंगाला और रात को ही अभियान चलाकर तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया।
गिरफ्तार आरोपियों के नाम मुहम्मद दिलसाथ (25), मुहम्मद आलम (27) और मुहम्मद आरिफ बताया जाता है। पुलिस के मुताबिक सभी बिहार के निवासी बताए जाते हैं। बुधवार को इस मामले में 3 अन्य लोगों को टिकियापाड़ा से गिरफ्तार किया गया है। हालांकि पुलिस ने इस मामले में शामिल अपराधियों को गिरफ्तार तो कर लिया है लेकिन हावड़ा स्टेशन पर खड़ी ट्रेन में यात्री से लुटपाट की घटना ने दूसरे यात्रियों के मन में डर बैठा दिया है।
बताया जाता है कि यात्रियों का आरोप है कि मोदी सरकार ने हावड़ा स्टेशन के आधुनिकरण को लेकर करोड़ों रुपए तो खर्च किया है लेकिन यात्रियों की सुरक्षा की तरफ कोई ध्यान नहीं दिया गया है। जांच अधिकारियों का अनुमान है कि इस घटना में बिहार का एक संगठित छिनतईबाज समूह जुड़ा हुआ है। पुलिस के एक अधिकारी से मिली जानकारी के अनुसार इस घटना में इस्तेमाल हुई लाठी, ट्रेन की सीसीटीवी फुटेज और गिरफ्तार व्यक्तियों के मोबाइल का कॉल रिकॉर्ड की जांच की जा रही है।
लुटे गए गहनों की बरामदगी के लिए कई जगहों पर तलाशी अभियान चलाया जा रहा है। जीआरपी सूत्रों से मिली जानकारी दीपक कुमार कोलकाता की विभिन्न दुकानों से गहने खरीदकर रात को रांची वापस लौट रहे थे। उनके बैग में करीब 1 किलो सोने के गहने थे। इन गहनों का आनुमानिक बाजार मूल्य 1 करोड़ रुपए बताया जाता है।
मिली जानकारी के अनुसार गिरफ्तार सभी आरोपियों को हावड़ा अदालत में पेश किया गया जहां उनकी टिआई परेड का आदेश दिया गया। साथ ही जांच की सुविधा के लिए दीपक से अभी हावड़ा में ही रहने के लिए कहा गया है। पुलिस का अनुमान है कि इनमें से एक अपराधी गहनों को लेकर बिहार फरार हो गया है। इसलिए बिहार पुलिस को भी इस घटना की जानकारी दे दी गयी है। हावड़ा स्टेशन से होकर रोज सफर करने वाली रुमा चट्टोपाध्याय का कहना है कि स्टेशन पर प्रवेश करते समय तलाशी तो ली गयी थी लेकिन प्लेटफार्म पर घूम रहे लोग कैसे हैं, इसकी निगरानी नहीं की जाती है। सुबह के समय की स्थिति और भी खराब होती है।
वहीं एक अन्य यात्री सुशांत मंडल ने आरपीएफ और जीआरपी के बीच समन्वय का अभाव बताया। उनका आरोप है कि कई बार पुलिस को फोन करने के बावजूद वह देर से आती है। सुरक्षा व्यवस्था के नाम पर सिर्फ सीसीटीवी ही नहीं लगाया जाता है।
गौरतलब है कि हावड़ा स्टेशन को रेलवे की तरफ से 'हाई सिक्योरिटी जोन' के तौर पर घोषित किया गया है। पूरे परिसर में 100 से ज्यादा सीसीटीवी कैमरे, आरपीएफ-जीआरपी की निगरानी रहती है। इसके बावजूद बड़ी संख्या में यात्रियों को शिकायत है कि सारी व्यवस्थाएं सिर्फ कहने के लिए ही हैं।