हावड़ा। राजधानी दिल्ली में हाल ही में हुए धमाकों के बाद रेलवे स्टेशनों की सुरक्षा पर बड़े सवाल उठ रहे हैं। हावड़ा, सांतरागाछी और बगनान जैसे भीड़भाड़ वाले स्टेशनों पर यात्रियों का आरोप है कि सुरक्षा इंतजाम कागजों तक ही सीमित हैं।
कई यात्रियों ने बताया कि किसी बड़ी घटना के बाद कुछ दिनों तक आरपीएफ और जीआरपी के जवान चौकन्ने रहते हैं लेकिन साल के बाकी समय जांच और निगरानी बिल्कुल ढीली रहती है।
करोड़ों की मशीनें, फिर भी नहीं हो रही लगेज जांच
यात्रियों की सुरक्षा के लिए रेलवे ने करोड़ों रुपये खर्च कर लगेज स्कैनर खरीदे लेकिन अधिकांश स्टेशन पर उनका उपयोग सही ढंग से नहीं हो रहा है।
कहीं स्कैनर खराब पड़े हैं। कहीं मशीनें हैं, पर कर्मचारी नहीं। कहीं सुरक्षाकर्मी मोबाइल फोन में व्यस्त। मंगलवार को हावड़ा स्टेशन पर देखा गया कि गंगा की ओर के गेटों पर स्कैनर हैं, लेकिन प्लेटफॉर्म नंबर 1 की दिशा से स्टेशन में प्रवेश करने वाले रास्ते पर कोई स्कैनर नहीं।
बिना चेकिंग के कैब रोड से स्टेशन में प्रवेश!
नियमित यात्री इंद्राणी मुखोपाध्याय ने कहा,“कैब रोड से कार लेकर पुराने कॉम्प्लेक्स में बिना किसी जांच के दाखिल हुआ जा सकता है। यहीं से राजधानी एक्सप्रेस निकलती है -यह बहुत बड़ा सुरक्षा जोखिम है।”
हालांकि प्लेटफॉर्म नंबर 9 के पास एक नया स्कैनर लगाया गया है, फिर भी यात्रियों का कहना है कि अगर कोई सीधे कैब रोड से ट्रैक तक पहुंच जाए तो जांच का कोई प्रावधान नहीं है।
सांतरागाछी और बगनान स्टेशन पर भी ढिलाई
सांतरागाछी स्टेशन के नए प्रवेश द्वार पर स्कैनिंग की व्यवस्था जरूर है लेकिन झील की ओर अप लाइन की दिशा में कोई जांच नहीं होती। यात्री बिना जांच के ही प्लेटफॉर्म तक पहुंच रहे हैं।
हावड़ा ग्रामीण क्षेत्र के उलूबेड़िया और बगनान स्टेशन भी लगभग असुरक्षित हैं। कई दूरगामी ट्रेनें यहां रुकती हैं फिर भी न तो स्कैनर हैं, न सुरक्षा गेट।
हालांकि बुधवार को इन स्टेशनों पर आरपीएफ, जीआरपी और बम स्क्वाड ने संयुक्त रूप से तलाशी अभियान चलाया और डॉग स्क्वाड भी लगाया गया।
घटना के बाद सतर्कता बरती जाती है। कुछ दिन बाद फिर वही ढिलाई लौट आती है। स्थानीय एक यात्री ने कहा, “साल में एक-दो घटनाओं के बाद ही सुरक्षा कड़ी होती है। कुछ दिनों बाद सब पहले जैसा ढीला हो जाता है।”
रेल पुलिस का दावा- “सुरक्षा हमारी प्राथमिकता”
रेल पुलिस के एक अधिकारी ने कहा,“यात्रियों की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है। जिन जगहों पर सुरक्षा व्यवस्था कमजोर है, वहां अतिरिक्त निगरानी और जांच के आदेश दिए गए हैं।” हालांकि जमीनी हकीकत कुछ और ही बताती है — स्कैनर बंद पड़े हैं, और जिम्मेदार कर्मचारी मौजूद होकर भी सक्रिय नहीं हैं।
देश की आर्थिक राजधानी को जोड़ने वाला हावड़ा स्टेशन रोज लाखों यात्रियों की आवाजाही का केंद्र है। ऐसे में सुरक्षा में जरा सी लापरवाही भी बड़ी त्रासदी का कारण बन सकती है। यात्रियों की मांग है कि लगेज स्कैनिंग और सुरक्षा जांच को 24x7 सक्रिय किया जाए ताकि किसी भी अनहोनी से पहले ही खतरे को रोका जा सके।