हावड़ा के मछली व्यवसायियों को हो रहा नेपाल की जेन ज़ी क्रांति से आर्थिक नुकसान

By Author : Moumita Bhattacharya

Sep 21, 2025 15:18 IST

नेपाल में जेन ज़ी ने तख्तापलट कर दिया है। लेकिन इन सभी घटनाओं का असर नेपाल से सैंकड़ों किलोमीटर दूर मौजूद हावड़ा के मछली व्यवसायियों पर पड़ रहा है। कैसे?

हावड़ा, 12 सितंबर : नेपाल में जेन ज़ी ने तख्तापलट कर दिया है। संसद भवन में आग लगा दी गयी, सरकारी गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया गया। आम जनता और खासतौर पर युवाओं के गुस्से का शिकार वहां के नेता-मंत्री और यहां तक कि प्रधानमंत्री तक को होना पड़ा है। देशभर में स्थिरता लाने के लिए सेना ने मोर्चा संभाला हुआ है। लेकिन इन सभी घटनाओं का असर नेपाल से सैंकड़ों किलोमीटर दूर मौजूद हावड़ा के मछली व्यवसायियों पर पड़ रहा है। कैसे?

आइए समझते हैं -

नेपाल में जल रही क्रांति की आग में झुलस रहे हावड़ा के व्यवसायी

नेपाल में चल रही अस्थिरता की आंच हावड़ा के मछली व्यवसायियों पर पड़ रही है। दरअसल, नेपाल से बड़ी संख्या में एक्वेरियम में सजाने वाली रंगीन मछलियों का ऑर्डर हावड़ा के व्यवसायियों के पास आता रहता है। लेकिन जब तक नेपाल की परिस्थिति सामान्य नहीं हो जाती है, तब तक नया ऑर्डर आने का सवाल ही नहीं उठता है।

बढ़ रही परेशानी

इधर एक्वेरियम में सजाने वाली जिन मछलियों को नेपाल भेजा जाता था, उनकी देखरेख, आकार में बड़ी हो जाने पर सही कीमत न मिलना, मछलियों के खाने और दवाईयों का खर्चा आदि समस्याओं से हावड़ा के व्यवसायी जुझ रहे हैं। इसके अलावा सर्दियों का मौसम भी शुरू होने वाला है। सर्दियों के मौसम में इन मछलियों के मर जाने की घटनाएं भी आम होती है, जिसके कारण मछली व्यवसायियों के माथे पर चिंता की लकीरें स्पष्ट दिखाई दे रही हैं।

जानकारी के अनुसार हावड़ा से नेपाल में गोल्ड फिश, रेड हेड फिश, एंजेल फिश, ऑस्कर फिश, मॉली, गप्पी आदि कई तरह की मछलियां नेपाल भेजी जाती हैं। इस बारे में हावड़ा के एक मछली व्यवसायी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि नेपाल में इंटरनेट बंद रहने की वजह से वहां के एजेंट से संपर्क नहीं हो पा रहा था। इंटरनेट शुरू होने के बाद जब एजेंट से बात हुई तो सभी ने अभी मछलियां न भेजने की हिदायत दी है।

हावड़ा के व्यवसायियों का कहना है कि अक्तूबर महीने तक ही नेपाल के साथ इन रंगीन एक्वेरियम की मछलियों का व्यवसाय किया जा सकता है। सर्दियां शुरू हो जाने पर नेपाल में इतनी ठंड पड़ती है कि तब वहां मछलियां नहीं भेजी जा सकेंगे। अगर परिस्थिति में तुरंत सुधार नहीं हुआ तो इन व्यवसायियों को बड़ा आर्थिक नुकसान उठाना पड़ सकता है।

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