समाचार एई समय, हावड़ा : आम जनता एशिया के सबसे प्राचीन और ऐतिहासिक आचार्य जगदीशचंद्र बोस इंडियन बोटानिकल गार्डन के ठीक सामने होने वाले जल जमाव से परेशान हैं। एक बार की बारिश से ही मेन गेट के पास कोले मार्केट क्षेत्र से लेकर, साउथ हावड़ा स्टेट जनरल अस्पताल तक का पूरा इलाका जलमग्न हो जाता है।
लंबे समय से इलाकावासियों को यह परेशानी झेलनी पड़ रही है। स्थानीय निवासियों का आरोप है कि निकासी व्यवस्था को सुधारने के क्षेत्र में नगरपालिका की ओर से कोई प्रभावी कदम नहीं उठाया गया है। पिछले कुछ सालों के दौरान क्षेत्र में जमा पानी में करंट लगने की वजह से अब तक 3 लोगों की मृत्यु भी हो चुकी है। इसके बाद भी स्थिति में कोई बदलाव नहीं आया है।
स्थानीय लोगों का आरोप है कि हर साल बरसात के मौसम में यह क्षेत्र जलाशय में तब्दील हो जाता है। बारिश के पानी को निकालने का कोई सही रास्ता न होने के कारण, सड़क का पानी तेजी से घरों के अंदर भी घुस जाता है। बाजार की दुकानें, अस्पताल के आसपास का क्षेत्र और पैदल चलने का रास्ता - सब कुछ घुटने तक या उससे भी अधिक गहरे पानी में डूब जाता है। यहां तक कि स्थानीय बोटानिकल गार्डन डेली वॉकर एसोसिएशन के सदस्यों में भी प्रतिदिन की इस दुर्दशा की वजह से नाराजगी बनी हुई है।
डेली वॉकर एसोसिएशन के सचिव तापस दास का कहना है कि लंबे समय से हम इस समस्या का सामना कर रहे हैं। हर बार बारिश होते ही यह क्षेत्र पूरी तरह जलमग्न हो जाता है। कई बार नगरपालिका के पास शिकायत भी दर्ज करवायी गयी है, लेकिन इसका कोई स्थायी समाधान नहीं निकल पाया है। जल निकासी के लिए बनायी गयी नालियां भर गई हैं, कई जगहों पर टूट भी गई हैं। उन्हें साफ रखने की कोई नियमित व्यवस्था नहीं की गयी है। इसलिए सिर्फ आम जनता ही नहीं बल्कि सुबह और शाम टहलने आने वाले बुजुर्ग भी परेशानी में पड़ रहे हैं।
इस क्षेत्र का एक प्रमुख व्यस्त केंद्र कोले मार्केट भी हर बार पानी जमा होने से व्यावसायिक रूप से नुकसान उठाता है। दुकानदारों का दावा है कि सड़क का गंदा पानी दुकान के अंदर घुस जाता है और इस वजह से सड़ी हुई बदबू फैलाती है। इस कारण दुकानों में ग्राहक भी नहीं आते हैं। स्थानीय अस्पताल में भी मरीजों और उनके रिश्तेदारों को गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। नस्कर पाड़ा के निवासी पीयूष गुह बताते हैं कि थोड़ी सी बारिश होने पर ही उनके घर के सामने घुटने तक पानी जमा हो जाता है।
वह कहते हैं कि कोले मार्केट से गंगा की दूरी 200 मीटर से भी कम है। कैसे मामूली बारिश में भी इस इलाके में पानी जमा हो सकता है? इससे ही समझा जा सकता है कि निकासी व्यवस्था की कितनी बुरी हालत है। नगरपालिका की ओर से अभी तक कोई बड़ा प्रयास नजर नहीं आया है।
स्थानीय लोगों का आरोप है कि नगरपालिका के निकासी निरीक्षण विभाग ने कई बार क्षेत्र का निरीक्षण किया है, लेकिन कुछ खास काम नहीं हुआ है। कुछ जगहों पर नालियों की सफाई की गई है, लेकिन मुख्य ड्रेन लाइन ठीक नहीं होने की वजह से पानी जमा होने की समस्या बनी हुई है। विशेषज्ञों के अनुसार यह क्षेत्र भौगोलिक रूप से निचला होने के कारण, बारिश का पानी आसानी से नहीं निकल पाता है। उसके ऊपर पुरानी ड्रेनेज लाइन के खराब होने से, पानी की निकासी बाधित हो रही है। नतीजतन, हर बार अगर थोड़ी सी भी बारिश होती है तो घंटों तक पानी जमा रह जाता है।
पर्यावरणप्रेमी और नागरिक समाज का दावा है कि जैसे बोटानिकल गार्डन एक अंतरराष्ट्रीय पर्यटन केंद्र है, वैसे ही, इसके आसपास का क्षेत्र भी शहर की पहचान है। इसलिए प्रशासन का तुरंत कदम उठाना बहुत जरूरी है। नियमित रूप से ड्रेन की सफाई, आधुनिक निकासी व्यवस्था का निर्माण और बारिश से पहले अग्रिम तैयारी करना आवश्यक है।
स्थानीय निवासियों को उम्मीद है कि लंबे समय से चली आ रही इस समस्या पर इस बार हावड़ा नगरपालिका ध्यान देगी। इस बारे में हावड़ा नगरपालिका की ओर से बताया गया है कि निकासी व्यवस्था के सुधार के लिए कई महत्वपूर्ण परियोजनाएं बनायी गयी हैं जिनके आधार पर काम किया जा रहा है।