आरामबाग के द्वारकेश्वर नदी के रामकृष्ण सेतु से होकर बसों की आवाजाही बंद थी। अब अनिश्चित काल के लिए हुगली के आरामबाग महकमा में बस सेवाओं को बंद रखने का फैसला हुगली इंटर रिजन एक्सप्रेस बस ओनर्स एसोसिएशन ने लिया है। इस फैसले की वजह से आम यात्री समस्या में पड़ सकते हैं। बस मालिकों ने भी यात्रियों की परेशानी की बात को स्वीकार किया है। इस वजह से उन्होंने यात्रियों से माफी भी मांग ली है।
लेकिन मंगलवार को संगठन की तरफ से स्पष्ट तौर पर बता दिया गया कि इस समय बस सेवाएं उपलब्ध करवाना संभव नहीं है। हालांकि इस मामले में अभी तक प्रशासन की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है। एसोसिएशन का दावा है कि दिन-प्रतिदिन नुकसान की मात्रा बढ़ती जा रही है। आरामबाग द्वारकेश्वर नदी पर रामकृष्ण सेतु भी बंद है। इस सेतु की मरम्मत का काम भी अभी तक खत्म नहीं हुआ है। इस वजह से इससे होकर बसें आवाजाही नहीं कर पा रही हैं। इसलिए दूर-दराज में आने-जाने वाली बसों के मालिकों को खासा नुकसान हो रहा है।
बस मालिकों की तरफ से बताया गया है कि इस सेतु से होकर 10 टन से अधिक भारी वाहनों को आने-जाने की अनुमति प्रशासन नहीं दे रहा है। एक बस 9 टन तक भार उठा सकता है। इसके बावजूद सेतु से होकर बसों को आने-जाने की अनुमति नहीं दी जा रही है। हाइटबार लगाकर रास्ता रोक दिया गया है। उनका कहना है कि बार-बार प्रशासन से अनुरोध करने के बावजूद कोई फायदा नहीं हुआ। इसलिए 15 अक्तूबर से अनिश्चितकाल के लिए आरामबाग महकमा में सभी तरह की बस सेवाओं को बंद रखने का फैसला लिया गया है।
गौरतलब है कि आरामबाग के द्वारकेश्वर नदी पर बना रामकृष्ण सेतु दक्षिणबंगाल की एक महत्वपूर्ण कड़ी है। यह सेतु से होकर करीब 7-8 जिलों को जोड़ने वाली बसें आवाजाही करती है। लेकिन लगभग 2 माह पहले इस सेतु का एक हिस्सा टूट गया था। पीडब्ल्यूडी विभाग सेतु की मरम्मत तो कर रही है लेकिन यह काम बहुत धीमी गति से चलने का आरोप बस मालिकों द्वारा लगाया जा रहा है।
आरामबाग बस-मिनी बस ऑपरेटर वेलफेयर एसोसिएशन की सचिव मधुमीता भट्टाचार्य ने बताया कि मालिक बसों को चलाने का खर्च नहीं निकाल पा रहे हैं। इसलिए बसों को बंद रखने का फैसला लिया गया है। इसमें क्या ही किया जा सकता है? ईंधन की कीमत, वेतन...कोई भी खर्च तो नहीं निकल पा रही है।
बताया जाता है कि बुधवार से बांकुड़ा, मेदिनीपुर, वर्धमान समेत सभी रूटों पर बस सेवाएं बंद रहेंगी। सिर्फ सरकारी बसें ही चलेंगी। हर रोज हजारों यात्री इन बसों से होकर यात्रा करते हैं। उनका कहना है कि इस तरह अचानक बस सेवाओं को बंद कर देने से उनको भारी मुश्किलें होंगी। इसलिए यात्रियों का अनुरोध है कि बसों को बंद न करके वैकल्पिक रास्तों के बारे में एसोसिएशन सोच-विचार करें। इस बारे में अभी तक प्रशासन की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है।