एई समय, दीघा : पिछले काफी समय से ही सबमर्सिबल पंपों के अनियंत्रित उपयोग पर लगाम लगाने की कोशिशें प्रशासन की तरफ से की जा रही थी। बारिश के पानी का संरक्षण और सतही जल के उपयोग पर जोर दिया जा रहा है। लेकिन कई जगहों पर नियमों का उल्लंघन करना ही मानो नया 'नियम' बन गया है।
अब दीघा प्रशासन ने होटलों में नए सबमर्सिबल पंप लगाने के लिए अनुमति लेना अनिवार्य कर दिया है। इस बाबत मंगलवार को दीघा शंकरपुर विकास परिषद के प्रशासनिक भवन में होटल मालिकों के साथ एक बैठक भी की गई, जिसमें स्टेट वाटर इन्वेस्टिगेशन डायरेक्टोरेट (SWID) के विशेषज्ञ भी मौजूद थे।
SWID की ओर से बताया गया है कि दीघा, शंकरपुर, मंदारमणि का भूजल स्तर तेजी से नीचे जा रहा है। यह चिंता का विषय है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर इस तरह से उपयोग योग्य जल स्तर नीचे जाता रहा तो समुद्र का खारा पानी मीठे पानी के उस स्तर के साथ मिल जाएगा। अगर ऐसा हुआ तो समुद्र तटीय क्षेत्रों में उपयोग योग्य पेयजल की कमी हो सकती है। इस मामले में अगर अभी से कदम नहीं उठाए गए तो समस्या और जटिल हो जाएगी।
उनका दावा है कि होटल और लॉज के सबमर्सिबल पंपों का अनियंत्रित उपयोग ही इसके लिए जिम्मेदार है। बैठक में विकास परिषद के प्रशासक नीलांजन मंडल भी उपस्थित थे। उन्होंने भी इस बारे में होटल और लॉज मालिकों को सावधान किया।
ओल्ड दीघा होटल ओनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष सहस्रांशु माइती ने कहा कि हम जानते हैं कि इस तरह से पानी निकालना सही नहीं है। लेकिन कोई वैकल्पिक रास्ता भी तो नहीं है। दीघा शंकरपुर होटेलियर्स एसोसिएशन के संयुक्त सचिव विप्रदास चक्रवर्ती का कहना है कि हम हमेशा प्रशासन का सहयोग करते हैं। लेकिन इस मामले में अगर प्रशासन वैकल्पिक व्यवस्था करती है तभी समस्या का समाधान हो सकता है।