लखनऊःउत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ इन दिनों एक नए अध्याय की रचना कर रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य की न्यायिक व्यवस्था को अधिक सक्षम, संवेदनशील और आधुनिक बनाने का संकल्प दोहराया है। उन्होंने कहा कि शासन की रीढ़ केवल संस्थाएँ नहीं, बल्कि प्रशिक्षित और सजग अधिकारी हैं। सरकार जहाँ एक ओर न्यायिक और प्रशासनिक ढांचे को सुदृढ़ कर रही है, वहीं दूसरी ओर लखनऊ की सांस्कृतिक धारा को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रवाहित कर रही है। लखनऊ को यूनेस्को ने खानपान की रचनात्मक नगरी की सूची में शामिल किया। यह प्रयास बताता है कि विकास केवल तकनीकी नहीं, सांस्कृतिक भी होता है।
योगी ने कहा कि राज्य की यह यात्रा एक संदेश देती है कि न्याय समाज को दिशा देता है और संस्कृति उसे आत्मा। जब दोनों एक साथ चलते हैं, तभी सभ्यता अपना शिखर छूती है। आज का उत्तर प्रदेश न्याय और संस्कृति, दोनों के क्षेत्र में अपने नए रूप की रचना कर रहा है। इसके लिए न्यायिक प्रशिक्षण और अनुसंधान संस्थान में नई सुविधाएँ विकसित की जा रही हैं। सरकार लगातार न्यायिक अधिकारियों, अभियोजकों, पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों को प्रशिक्षण देने और उनके कौशल को बढ़ाने का काम कर रही है।
राम मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में योगी ने अपनी योजना पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए कहा कि हमारे न्यायिक प्रशिक्षण संस्थान में नए हॉस्टल, खेल परिसर और आधुनिक प्रशिक्षण कक्ष बनाए जा रहे हैं। सरकार न्यायिक और प्रशासनिक अधिकारियों के लगातार प्रशिक्षण और कौशल विकास के प्रयास में जुटी हुई है।
लखनऊ को मिला यूनेस्को का सम्मान गौरवपूर्णः योगी ने लखनऊ के यूनेस्को की क्रिएटिव सिटी ऑफ गैस्ट्रोनॉमी अर्थात खानपान की रचनात्मक नगरी की सूची में शामिल होने पर प्रदेशवासियों को बधाई दी। मालूम हो कि यूनेस्को ने 31 अक्टूबर को विश्व नगर दिवस पर घोषणा की कि इस साल 58 नए शहरों को क्रिएटिव सिटीज नेटवर्क में जोड़ा गया है। लखनऊ अब इस सूची में शामिल भारत का दूसरा शहर बन गया है। पहला शहर हैदराबाद था, जिसे 2019 में यह दर्जा मिला था। यूनेस्को ने कहा कि लखनऊ की अवधी रसोई और उसमें दिखने वाली सृजनात्मकता दुनिया में अनोखी है। मालूम हो कि लखनऊ के कबाब और बिरयानी जैसे व्यंजन पूरे विश्व में प्रसिद्ध हैं। साथ ही अब लखनऊ उन 408 शहरों की सूची में शामिल हो गया है जो कला, डिजाइन, फिल्म, खानपान, साहित्य, संगीत आदि के क्षेत्र में योगदान दे रहे हैं।