सामूहिक बलात्कार के मामले में एक युवक का नाम शामिल था। एक पुलिस अधिकारी ने कथित तौर पर मामले से उसका नाम हटाने के लिए भारी रिश्वत की मांग की। पुलिस अधिकारी को पैसे लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया गया। भ्रष्टाचार निवारण संगठन (ACO) ने उन्हें पैसे लेते हुए पकड़ा। अधिकारी को 2 लाख रुपये की रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। यह घटना उत्तर प्रदेश के लखनऊ में हुई।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, गिरफ्तार अधिकारी का नाम धनंजय सिंह है। वह लखनऊ महानगर थाने की पेपर मिल कॉलोनी चौकी में उपनिरीक्षक के पद पर कार्यरत थे।
पता चला है कि प्रतीक गुप्ता नामक एक कोचिंग सेंटर के मालिक के खिलाफ सामूहिक बलात्कार का मामला दर्ज किया गया था। यह मामला सितंबर में दर्ज किया गया था। एक महिला ने आरोप लगाया था कि प्रतीक और अन्य ने उसे काम दिलाने के बहाने घर पर बुलाया और उसके साथ बलात्कार किया। पुलिस अधिकारी ने मामले से उसका नाम हटाने के लिए पैसे की मांग की थी।
कथित तौर पर, धनंजय ने मामले से अपना नाम हटाने के लिए भारी रकम की मांग की थी। उस पैसे के बदले में उसने मामले से प्रतीक का नाम हटाने की बात कही थी। भ्रष्टाचार निवारण संगठन में शिकायत दर्ज कराई गई थी। यह शिकायत मिलने के बाद भ्रष्टाचार निवारण संगठन विभाग के अधिकारियों ने जाल बिछाया।
सूत्रों के मुताबिक, भ्रष्टाचार निवारण संगठन के पदाधिकारी उपरनेश निषाद के नेतृत्व में बुधवार रात यह कार्रवाई की गई। अधिकारी की मांग के अनुसार, दो लाख रुपये दिए गए। उस पल का वीडियो भी रिकॉर्ड किया गया। वह वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इसमें दिख रहा है कि धनंजय सिंह की मेज पर पैसे रखे जा रहे हैं। सभी 500 रुपये के नोट हैं। पैसे रखने के बाद सब-इंस्पेक्टर उसे ले जाता है। उसे तुरंत गिरफ्तार कर लिया गया।
उत्तर प्रदेश पुलिस सूत्रों के अनुसार, पैसों पर एक विशेष चिह्न लगा हुआ था। धनंजय सिंह को पैसे लेते हुए पकड़ा गया। उसके खिलाफ अलीगंज थाने में विशिष्ट धाराओं में मामला दर्ज किया गया है। अधिकारी इस बात की भी जांच कर रहे हैं कि क्या इसमें कोई और भी शामिल है।