लखीमपुर खीरी: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को मुस्तफाबाद गांव में स्मृति प्रत्यक्षोत्सव मेला-2025 में भाग लेते हुए गांव का नाम कबीरधाम करने का प्रस्ताव रखा। उन्होंने कहा कि यह गांव संत कबीर दास से जुड़ा है, इसलिए इसका ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व है। यहां आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए उन्होंने बताया कि जब मैंने इस गांव के स्थान के बारे में पूछा तो मुझे पता चला कि यह मुस्तफाबाद है। मैंने यहां की मुस्लिम आबादी के बारे में जानकारी ली, तो बताया गया कि यहां कोई मुस्लिम नहीं रहता। इसलिए मैंने सोचा, जब यहां कोई मुस्लिम नहीं रहता तो इसे कबीरधाम नाम देना चाहिए। हम इसकी असली पहचान लौटाने का प्रस्ताव लायेंगे।
कांग्रेस पर उन्होंने आरोप लगाया कि पिछली सरकारों ने सांस्कृतिक पहचान को तोड़-मरोड़ दिया। उन्होंने अयोध्या को फैजाबाद, प्रयागराज को इलाहाबाद और कबीरधाम को मुस्तफाबाद में बदल दिया। जब हम सत्ता में आए तो हमने इन स्थानों की वास्तविक पहचान लौटानी शुरू की है। इलाहाबाद का नाम प्रयागराज और फैजाबाद का नाम अयोध्या किया गया।
यह कार्यक्रम संत कबीर की विरासत का जश्न मनाने के लिए लखीमपुर खीरी जिले में आयोजित किया गया। बदलकर प्रस्तावित नाम रखने का उद्देश्य 15वीं शताब्दी के कवि-संत के भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिकता में योगदान का सम्मान करना था।