लखनऊः उत्तर प्रदेश सरकार ने गौशालाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए एक प्रमुख पहल शुरू की है। इसका उद्देश्य प्रदेश भर की सभी गौशालाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है। सरकार प्रत्येक जिले में एक आदर्श गौशाला की स्थापना करेगी और उसे पर्यटक आकर्षण के रूप में भी विकसित किया जाएगा। इसे गाय पर्यटन (Cow Tourism) की अवधारणा के साथ बढ़ावा दिया जाएगा, ताकि स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर और अतिरिक्त आय के साधन उत्पन्न किए जा सकें। साथ ही गौशालाओं को आत्मनिर्भर बनाया जा सके।
समाचार एजेंसी एएनआई की खबरों के मुताबिक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में इस पहल के लक्ष्य की प्राप्ति के लिए उत्तर प्रदेश सरकार गोबर, गोमूत्र, दूध और घी जैसे गौ-आधारित उत्पादों के व्यावसायिक उपयोग को प्रोत्साहित करेगी। महिला स्वयं सहायता समूहों को स्थानीय स्तर पर गोबर से बने उत्पादों के निर्माण और विपणन में अहम भूमिका दी जाएगी।
सरकार दीपावली के अवसर पर गोबर से बने दीयों, मूर्तियों और अन्य पर्यावरण-हितैषी उत्पादों के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए विशेष जागरूकता अभियान चलाए जाएंगे, जिससे इनकी मांग में वृद्धि हो सके।
पशुपालन एवं दुग्ध विकास मंत्री धर्मपाल सिंह ने बताया कि दीपावली पर गोबर से बने दीयों, मूर्तियों और सजावटी वस्तुओं को बढ़ावा देने के लिए बड़े पैमाने पर अभियान चलाया जाएगा। उन्होंने आश्वस्त किया कि ये उत्पाद बाजारों में आसानी से उपलब्ध कराए जाएंगे ताकि नागरिक इस पर्यावरण अनुकूल पहल में भाग ले सकें और 'वोकल फॉर लोकल' की भावना को समर्थन दे सकें।
वहीं, पशुपालन एवं दुग्ध विकास विभाग के प्रमुख सचिव मुकेश मेश्राम ने बताया कि अधिकारियों को स्थानीय स्तर पर गौशालाओं में गोबर और गोमूत्र के व्यावसायिक उपयोग की योजना तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं। यह पहल न केवल गौशालाओं को आत्मनिर्भर बनाएगी, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी सुदृढ़ करेगी। यह योजना उत्तर प्रदेश में गौ संरक्षण को एक नई दिशा देगी, साथ ही स्वदेशी उद्योगों और गौ-आधारित उत्पादों के माध्यम से टिकाऊ आजीविका को भी बढ़ावा देगी।