लखनऊः उत्तर प्रदेश के दादरी की रहने वाली शिवानी एक बढ़ई की बेटी हैं। उन्होंने सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के इतिहास में अपना नाम दर्ज कराया है। छह दशक के इतिहास में पहली बार एक युवा कॉन्स्टेबल को केवल पांच महीने की सेवा के भीतर ही विशेष (आउट-ऑफ-टर्न) पदोन्नति मिली है। अब तक ऐसी उपलब्धि भारत की किसी भी केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल में नहीं देखी गई। उन्हें हेड कॉन्स्टेबल के पद पर पदोन्नत किया गया है। यह सम्मान उन्हें 31 अगस्त से 8 सितंबर, 2025 तक ब्राज़ील में आयोजित 17वीं विश्व वुशु चैंपियनशिप में रजत पदक जीतने के बाद मिला।
शिवानी के नाम कुछ और भी उपलब्धियां हैं। वह अपने परिवार की पहली सदस्य हैं, जो किसी केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल में सेवा दे रही हैं। वह पिछले 22 वर्षों में बीएसएफ की दूसरी कॉन्स्टेबल हैं, जिन्हें असाधारण प्रदर्शन के लिए प्रारंभिक (अग्रिम) पदोन्नति दी गई है।
यह पदोन्नति बीएसएफ महानिदेशक (डीजी) दलजीत सिंह चौधरी ने उन्हें आज गुरुवार को प्रदान की। यह लगातार दूसरा वर्ष है जब डीजी चौधरी ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले युवा बीएसएफ खिलाड़ियों को विशेष पदोन्नति देकर सम्मानित किया है। इससे पहले 18 जुलाई, 2025 को डीजी चौधरी ने बीएसएफ के कॉन्स्टेबल अनुज (सेंट्रल वुशु टीम) को भी 21 साल बाद विशेष पदोन्नति देकर हेड कॉन्स्टेबल बनाया था। अनुज को चीन के जियांगयिन में आयोजित 10वीं सान्दा वर्ल्ड कप में रजत पदक जीतने पर यह सम्मान मिला था।
एएनआई से बातचीत में बीएसएफ डीजी चौधरी ने कहा कि पदोन्नति वास्तव में एक बड़ा प्रोत्साहन है, जो गृह मंत्रालय और कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग द्वारा निर्धारित मानकों पर आधारित है। यदि कोई खिलाड़ी राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाता है या किसी मान्यता प्राप्त अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में असाधारण प्रदर्शन करता है तो उसे विशेष पदोन्नति देने का प्रावधान है।
शिवानी बीएसएफ की 155 बटालियन पंजाब में तैनात हैं। उन्होंने एएनआई से कहा कि मैंने सितंबर 2025 में आयोजित विश्व चैंपियनशिप में रजत पदक जीता था। इस उपलब्धि के कारण आज मुझे हेड कॉन्स्टेबल के पद पर पदोन्नत किया गया है। मैंने 1 जून 2025 को ज्वाइन किया था, यानी मैं सिर्फ पांच महीने से सेवा में हूं। मैं रोजाना सुबह दो घंटे और शाम को दो घंटे अभ्यास करती हूं। यानी कुल चार घंटे की ट्रेनिंग होती है। अब मेरा अगला लक्ष्य वर्ल्ड कप है और मैं वहां स्वर्ण पदक जीतने के लिए पूरी मेहनत करूंगी।