अयोध्याः दीपावली के पर्व से पहले अयोध्या के बाजारों में भक्ति और उल्लास का माहौल चरम पर है। श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं के बीच सबसे अधिक मांग रामलला की बाल रूप प्रतिमाओं की है। इस बार की दीपावली इन मूर्तियों की लोकप्रियता के लिए अलग से याद की जायेगी।
इन मूर्तियों में भगवान राम की बालक अवस्था के दिव्य सौंदर्य और मासूमियत को खूबसूरती से दर्शाया गया है। ये मूर्तियां मंदिर के आसपास के बाजारों में खूब बिक रही हैं।
श्रद्धालु इन मूर्तियों को दीपावली पूजन के लिए अपने घर ले जाने को उत्साहित दिख रहे हैं। लोगों का कहना है कि हम राम मंदिर दर्शन के लिए अयोध्या आए थे, जहां भगवान बाल रूप में विराजमान हैं। भगवान राम का यह मोहक बाल रूप हमारे मन में बस गया है, इसीलिए अब हम अयोध्या की इस पावन स्मृति को अपने घर ले जाना चाहते हैं और उनकी बाल रूप वाली मूर्ति का दीपावली में पूजन करेंगे।
यहां के बाजार में जो मूर्तियां बिक रही हैं, वे बेहद सुंदर और मनमोहक हैं। कुछ का तो यह कहना है कि भगवान राम के साथ-साथ इन मूर्तियों में हमें भगवान श्रीकृष्ण की भी झलक दिखाई दे रही है। जो छोटी-छोटी मूर्तियां बिक रही हैं वे राम मंदिर में स्थापित मूल मूर्ति से काफी मिलती-जुलती हैं। कुछ श्रद्धालुओं का कहना था कि इन मूर्तियों की एक विशेषता यह भी है कि ये बहुत ही कम दामों में मिल रही हैं। हर आम आदमी इसे आसानी से खरीद सकता है।
मैसूर के प्रसिद्ध मूर्तिकार अरुण योगीराज ने अयोध्या मंदिर में स्थापित भगवान राम की मूर्ति बनाई है। यह मूर्ति 51 इंच ऊंची और लगभग 200 किलोग्राम की है। यह कृष्ण शिला पत्थर से तराशा गया है। मूर्ति में भगवान राम को 5 वर्षीय बालक के रूप को दर्शाया गया है। इसे बनाने में 'शिल्प शास्त्र' और 'मानव शरीर विज्ञान' के गहन अध्ययन का उपयोग किया गया है।
दीपावली के मद्देनजर अभी से अयोध्या की गलियों को दीपक के आकार की रोशनियों से खूबसूरती से सजाया गया है, जिसने इस पावन नगरी की सुंदरता और आध्यात्मिकता दोनों को बढ़ा दिया है। यह यहां के निवासियों के साथ साथ आगंतुकों में श्रद्धा की भावना और गहराने में सहायक हैं।