गोरखपुर : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को अयोध्या के ऐतिहासिक और आध्यात्मिक पुनरुत्थान को रेखांकित करते हुए कहा कि जिस अयोध्या को कभी विदेशी आक्रांताओं ने अपमानित किया था, वही अब विश्व भर में अपनी दिव्यता और भव्यता के लिए प्रसिद्ध हो रही है। योगी ने कहा कि अयोध्या सांस्कृतिक गौरव, धार्मिक आस्था और राजनीतिक संघर्ष की गूंज है। दीपोत्सव अब केवल एक पर्व नहीं, बल्कि सनातन संस्कृति की पुनर्प्रतिष्ठा का प्रतीक बन गया है।
अयोध्या आज दुनिया को आकर्षित कर रही हैः एक जनसभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि कल आपने अयोध्या में दीपोत्सव का भव्य आयोजन देखा। यह वही अयोध्या है जिसे विदेशी आक्रांताओं ने अपमानित किया था। वही अयोध्या है जहां कांग्रेस सरकारों ने भगवान श्रीराम के अस्तित्व को नकारने के प्रयास किए थे। समाजवादी पार्टी ने भी अयोध्या की पहचान को नष्ट करने के लिए षड्यंत्र रचे और राम भक्तों पर बर्बरता की। लेकिन आज वही अयोध्या एक भव्य और दिव्य नगरी बनकर विश्व को आकर्षित कर रही है।
विपक्ष पर तीखा हमला: इसके पूर्व रविवार को श्री अयोध्या धाम में आयोजित दीपोत्सव-2025 में योगी आदित्यनाथ ने कांग्रेस और समाजवादी पार्टी पर तीखा प्रहार किया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि दोनों दलों ने न केवल भारत की सनातन आस्था को कमजोर करने की कोशिश की, बल्कि राम जन्मभूमि आंदोलन में भी लगातार बाधाएं डालीं। योगी ने कहा कि जब हम अयोध्या को लाखों दीपों से आलोकित कर रहे हैं, हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि कांग्रेस पार्टी ने अदालत में हलफनामा देकर भगवान श्रीराम को एक 'मिथक' बताया था। समाजवादी पार्टी ने तो राम भक्तों पर इसी अयोध्या में गोलियां चलाई थीं।
विपक्ष का मानदंड दोहराः योगी ने विपक्ष पर दोहरे मापदंड अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि ये वही लोग हैं जो बाबर की कब्र पर श्रद्धा दिखाते हैं, लेकिन जब रामलला के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में इन्हें बुलाया गया तो इन्होंने वह निमंत्रण अस्वीकार कर दिया।
दीपोत्सव और परंपरा को पुनर्जीवित करने की चुनौतीः योगी ने 2017 में दीपोत्सव की शुरुआत को याद करते हुए बताया कि उस समय दीपों की व्यवस्था करना भी एक चुनौती था। जब हमने 2017 में अयोध्या धाम में पहला दीपोत्सव मनाने का निर्णय लिया तो उद्देश्य था दुनिया को दिखाना कि दीप प्रज्ज्वलन की परंपरा क्या है और किस भाव से यह मनाया जाना चाहिए। उस समय हमारे पास पर्याप्त दीप नहीं थे। हमने पूरे प्रदेश से दीप एकत्र किए और तब जाकर 1.71 लाख दीप जलाकर शुरुआत की।