तिरुवनंतपुरम : सबरीमाला मंदिर से सोने के गायब होने के मामले में जांच कर रहे विशेष जांच दल (SIT) ने गुरुवार को तिरुवनंतपुरम में त्रावणकोर देवस्वोम बोर्ड(TDB) के पूर्व अध्यक्ष ए पद्मकुमार को गिरफ्तार कर लिया। पूर्व माकपा विधायक को क्राइम ब्रांच कार्यालय में पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया गया। पद्मकुमार को श्रीकोविल के फ्रेम से सोने के गायब होने से संबंधित मामले में अभियुक्त बनाया गया है।
यह मंदिर केरल के पथानमथिट्टा जिले में स्थित है। इस मामले में उस सोने की चोरी का आरोप है, जो मंदिर के श्रीकोविल के दरवाजे के फ्रेम से गायब हुआ था। साल 2019 में यह आरोप लगा कि मंदिर के द्वारपालक यानी रक्षक देवता प्रतिमाओं औरश्रीकोविल दरवाजे के फ्रेम में सोने से मढ़े ताम्रपत्र को इलेक्ट्रोप्लेटिंग के लिए उन्निकृष्णन पट्टी को सौंपा गया। यह ताम्रपत्र ताम्रधातु से बने थे।
इस प्रक्रिया में TDB के अध्यक्ष पद्मकुमार का नाम इसलिए जुड़ा क्योंकि वे उस समय TDB के प्रमुख थे और उनके नेतृत्व में वह प्रस्ताव लाया गया था, जिसमें यह निर्णय लिया गया था कि सोने के मढ़ेताम्र पत्रों को उन्निकृष्णन पट्टी को सौंपा जाएगा। हालांकि पद्मकुमार ने दावा किया कि जब सोने के मढ़े ताम्रपत्रों को पट्टी को सौंपा गया था, वह उस समय बोर्ड के अध्यक्ष नहीं थे। हालांकि SIT का कहना है कि यह प्रस्ताव उनके कार्यकाल में ही पारित हुआ था।
पद्मकुमार के अलावा अन्य पांच व्यक्तियों को भी इस मामले में गिरफ्तार किया गया है, जिनमें प्रमुख अभियुक्त उन्निकृष्णन पट्टी और पद्मकुमार के बाद TDB के अध्यक्ष बने एन वसु शामिल हैं। कोल्लम में विजिलेंस कोर्ट ने गुरुवार को एन वसु को SIT की हिरासत में भेज दिया। जब वसु को कोर्ट से पेश किया गया तो भाजपा कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया और नारे लगाए। उन्होंने उस वाहन को रोकने की कोशिश की जिसमें वसु को कोर्ट से क्राइम ब्रांच कार्यालय ले जाया जा रहा था। SIT वर्तमान में वे यह जांच कर रही है कि क्या इन सोने के मढ़े ताम्रपत्रों को विदेश भेजने या अन्य गैरकानूनी लेन-देन के माध्यम से गोल्ड से जुड़े संदिग्ध सौदों में रूट किया गया था। मामले के मुख्य अभियुक्त पट्टी को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। यह मामला न केवल मंदिर से जुड़े सोने की चोरी से जुड़ा है, बल्कि इसके साथ ही भ्रष्टाचार, अवैध लेन-देन, और सुरक्षा मुद्दों के संदर्भ में भी गहरे सवाल उठाता है।