लद्दाख हिंसा की जांच के लिए केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज बी. एस. चौहान की अध्यक्षता में न्यायिक आयोग बनाया. सोनम वांगचुक रासुका के तहत जोधपुर जेल में बंद हैं।
लद्दाख में हुई हिंसा को लेकर केंद्र सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए इस मामले में जांच के लिए न्यायिक आयोग का गठन किया है। इस हिंसा की जांच अब न्यायिक आयोग करेगा। सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज की अगुवाई में यह न्यायिक जांच की जाएगी। गृह मंत्रालय ने इस बाबत महत्वपूर्ण आदेश शुक्रवार को जारी किया। तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग की अध्यक्षता सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज बी. एस. चौहान करेंगे।
केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट के रिटायर जज बी एस चौहान की अध्यक्षता में जांच आयोग को ‘कानून व्यवस्था के हालात बिगड़ने, पुलिस कार्रवाई और इसके परिणामस्वरूप चार लोगों की दुर्भाग्यपूर्ण मौत’ के लिए जिम्मेदार परिस्थितियों की पड़ताल करनी है। सेवानिवृत्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश मोहन सिंह परिहार न्यायिक सचिव के रूप में कार्य करेंगे, जबकि आईएएस अधिकारी तुषार आनंद जांच आयोग के प्रशासनिक सचिव होंगे।
जांच आयोग की घोषणा आंदोलनरत पक्षों–लेह एपेक्स बॉडी और करगिल डेमोक्रेटिक अलायंस (केडीए) के साथ बातचीत बहाल करने के प्रयास के रूप में की गई है, जिन्होंने हिंसा के बाद गृह मंत्रालय की उच्चस्तरीय समिति के साथ बातचीत स्थगित कर दी थी। अपने बयान में गृह मंत्रालय ने निरंतर बातचीत के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।