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झारखंड में ‘मिलेट मिशन’ का नया नाम, अब होगा ‘झारखंड मडुआ क्रांति’: कृषि मंत्री

योजना का नाम बदले जाने का कारण यह है कि झारखंड के अधिकांश किसान मिलेट शब्द से परिचित नहीं हैं और इसे वे मडुआ के नाम से ही जानते हैं।

By प्रियंका कानू

Dec 12, 2025 18:36 IST

रांची: कृषि मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने शुक्रवार को घोषणा की कि राज्य में चल रहे मिलेट मिशन का नाम बदलकर अब “झारखंड मडुआ क्रांति” कर दिया गया है। इस अवसर पर रांची स्थित पशुपालन निदेशालय में आयोजित कार्यक्रम के दौरान मंत्री ने 32,911 मडुआ उत्पादक किसानों के बैंक खातों में ₹15.63 करोड़ की राशि डीबीटी के माध्यम से भेजी। मंत्री ने बताया कि राज्य में मडुआ की खेती करने वाले प्रत्येक किसान को प्रति एकड़ ₹3,000 प्रोत्साहन राशि दी जा रही है। आज किसानों के खातों में दूसरी किस्‍त भेजी गई है।

उन्होंने कहा कि योजना का नाम बदले जाने का कारण यह है कि झारखंड के अधिकांश किसान मिलेट शब्द से परिचित नहीं हैं और इसे वे मडुआ के नाम से ही जानते हैं। पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार कृषि मंत्री ने बताया कि 2024–25 में जब योजना की शुरुआत हुई थी तब केवल 18,000 किसानों को ही प्रोत्साहन राशि का लाभ मिला था। पिछले एक वर्ष में 14,911 नए किसान इस मिशन से जुड़े हैं। 2024–2025 में मडुआ की खेती केवल 20,000 हेक्टेयर में होती थी लेकिन अब यह क्षेत्र बढ़कर एक लाख हेक्टेयर से अधिक हो चुका है।

कृषि, पशुपालन और सहकारिता विभाग ने मडुआ खरीद के लिए गुमला, सिमडेगा और खूंटी जिलों को चुना है। ठीक उसी तरह जैसे धान की खरीद होती है। सरकार का उद्देश्य मडुआ को बाजार की मांग के अनुसार प्रसंस्कृत कर विभिन्न स्तरों पर उपलब्ध कराना है। विभाग की योजना है कि मडुआ आधारित उत्पाद अस्पतालों, स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों तक पहुंचाए जाएं।

फिलहाल गुमला जिले में एक मिलेट (मोटा-अनाज) प्रोसेसिंग यूनिट चल रही है। विभाग राज्य में दो से तीन और प्रोसेसिंग यूनिट स्थापित करने की योजना बना रहा है। साथ ही रांची में जल्द ही एक मिलेट कैफ़े स्थापित करने की भी योजना है ताकि मडुआ आधारित व्यंजनों को बढ़ावा मिले। आगे का लक्ष्य राज्य में 60,000 किसानों को मडुआ प्रोत्साहन राशि देना और उत्पादन को और बढ़ाना है।कार्यक्रम में उपस्थित किसानों ने भी योजना के लाभ साझा किए। किरण देवी (40) जो रांची जिले के चारी गांव की किसान हैं उन्होंने ने बताया कि पहले मडुआ की मांग कम थी और बाजार मूल्य ₹15–20 प्रति किलो था। अब मांग बढ़ी है और इसकी कीमत ₹30 प्रति किलो से अधिक हो गई है। प्रोत्साहन राशि का उपयोग वे खाद और बीज खरीदने में करेंगी।

दुमका के किसान किशोर कुमार मांझी ने बताया कि एक हेक्टेयर में मडुआ की खेती के लिए 5–6 किलो बीज की जरूरत होती है। सरकार द्वारा दी जा रही ₹3,000 की राशि किसानों के लिए बेहद सहायक है। मुरमु ब्लॉक के किसान विनोद कुमार मुंडा ने कहा कि राज्य सरकार किसानों को दो तरह से मदद दे रही है, पहला वित्तीय सहायता और दूसरा तकनीकी सहयोग।

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