नई दिल्ली: सरकार ने संसद को बताया कि पिछले तीन वर्षों में मध्य पूर्व में असुरक्षित परिस्थितियां उत्पन्न हुई है जिससे इज़राइल, ईरान, सीरिया और इराक से कुल 5 हजार 945 भारतीय नागरिकों को सुरक्षित निकाला गया है।
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने लोकसभा में एक लिखित उत्तर में कहा कि इन निकासी अभियानों के तहत 2023 में इज़राइल के ऑपरेशन अजय और 2025 में ईरान व इज़राइल के ऑपरेशन सिंधु शामिल रहे। उन्होंने बताया कि 2024 में कुवैत में आग की दुखद घटना हुई थी, जिसमें 45 भारतीय मारे गए थे। सरकार ने उनके पार्थिव शरीर एक विशेष मानवीय एयरलिफ्ट के माध्यम से भारत मंगवाई। इन मृतकों में उत्तर प्रदेश के तीन नागरिक भी शामिल थे।
मंत्री ने कहा कि भारत सरकार दुनिया में कहीं भी बिगड़ती परिस्थितियों पर लगातार नजर रखती है, खासकर मध्य पूर्व जैसे संवेदनशील क्षेत्रों पर। उन्होंने दोहराया कि निकाले गए 5 हजार 945 भारतीयों में से 1 हजार 474 उत्तर प्रदेश के निवासी थे।
जयशंकर ने बताया कि स्थितियों के अनुसार सरकार भारतीयों को सलाह जारी करती है कि वे अनावश्यक यात्रा से बचें। स्थानीय सुरक्षा निर्देशों का पालन करें और दूतावासों द्वारा जारी हेल्पलाइन नंबरों पर संपर्क बनाए रखें। उन्होंने कहा कि आवश्यकता पड़ने पर सरकार पूर्ण सरकारी सहयोग के साथ बड़े पैमाने पर निकासी अभियान शुरू करती है ताकि फँसे हुए भारतीयों को सुरक्षित स्थानों तक पहुँचाया जा सके।
इस दौरान सरकार सुरक्षित आश्रय, भोजन, स्थानीय व सीमा-पार आवागमन, और विशेष वाहनों एवं मुफ्त उड़ानों की व्यवस्था भी करती है। केंद्र ने कहा कि निकासी नीति में हर भारतीय की सुरक्षा सर्वोपरि है, चाहे वह किसी भी राज्य का निवासी हो। पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार फिलहाल मध्य में भारतीयों की सुरक्षा को लेकर कोई तत्काल खतरे की सूचना नहीं है और न ही किसी अन्य निकासी की आवश्यकता महसूस हो रही है।