फीफा रैंकिंग में वे नाइजीरिया से 19 स्थान पीछे हैं। उनके पास यूरोप के बड़े क्लबों में खेलने वाले सितारों से बनी टीम भी नहीं है। लेकिन डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो ने महत्वपूर्ण मैच में बड़ा उलटफेर कर दिया। विक्टर ओसिमेन, एडेमोला लुकमैन, एनडिडी को हराकर अफ्रीकी ज़ोन के क्वालिफायर में चैंपियन बना कांगो। निर्धारित समय में मैच का परिणाम 1-1 रहने के बाद कांगो ने टाई-ब्रेक में नाइजीरिया के खिलाफ 4-3 से जीत दर्ज की। इसके फलस्वरूप मार्च महीने में उन्हें विश्व कप में जगह पाने के लिए प्ले-ऑफ़ मैच खेलने का अवसर मिलेगा। मैच हारकर नाइजीरिया का विश्व कप खेलने का सपना टूट गया ।
मैच में उतरने से पहले कागज़ों में और क्षमता के लिहाज़ से आगे था नाइजीरिया। मैच में तीन मिनट के भीतर फ्रैंक ओन्येका के गोल से वे आगे बढ़ गए। कांगो के मेशाक एलिया ने 32वें मिनट में उस गोल की बराबरी कर दी। लेकिन चोट लगने के कारण पहले हाफ के बाद और नहीं खेल सके नाइजीरिया के स्टार स्ट्राइकर ओसिमेन। दूसरे हाफ में सेद्रिक बाकाम्बू, विल्फ्रेड एनडिडी कोशिश करते रहे लेकिन गोल नहीं आया। निर्धारित समय में कोई भी टीम बढ़त नहीं ले सकी।
टाई-ब्रेक में कड़ा मुकाबला हुआ। कुल चार पेनल्टी दोनों टीमों के गोलकीपरों ने बचाईं। और एक लक्ष्य पर नहीं लगी। अंत में शांत दिमाग से गेंद को जाल में डालकर कप्तान चांसल एमबेम्बा ने कांगो को जीत दिलाई।
पहली बार कांगो को 1974 में विश्व कप खेलने का अवसर मिला था । लेकिन एक भी मैच जीते बिना उन्हें ग्रुप चरण से ही बाहर होना पड़ा था। वही आखिरी बार था, उसके बाद दोबारा मौका नहीं मिला। मार्च में इंटर-फेडरेशन प्ले-ऑफ़ चरण में चैंपियन बने तो 2026 के विश्व कप में दिखेगा उनका नाम। अब तक अफ्रीका से कुल नौ टीमें विश्व कप के लिए टिकट पा चुकी हैं ।
क्वालिफायर में इंग्लैंड का ‘परफेक्ट रिकॉर्ड’
अल्बानिया के खिलाफ 2-0 से जीत मिली इंग्लैंड को। दोनों गोल ही हैरी केन ने किए। इसके फलस्वरूप क्वालिफायर के आठों मैच में इंग्लैंड ने जीत दर्ज कर ली।
दूसरे मैच में एमबाप्पे, देंबेलें नहीं खेले बावजूद इसके रिज़र्व बेंच के फुटबॉलरों के साथ फ्रांस ने आसान जीत हासिल की। 3-1 से हराया अज़रबैजान को। फ्रांस की ओर से जां-फिलिप मातेता, मैग्नेस अक्लियोचे और साहरुद्दीन मेहमेदीलिएव ने स्कोरशीट में नाम दर्ज करवाया।