वेस्ट इंडीज़ को फॉलो-ऑन कराने का फैसला गलत था ?

By Soumyadeep De, Posted by: लखन भारती.

Oct 13, 2025 12:06 IST

पहले टेस्ट में वेस्ट इंडीज़ दोनों पारी में 200 के आंकड़े को पार नहीं कर सका। दूसरे टेस्ट में भी टीम इंडिया ने पहली पारी में 270 रनों की बढ़त हासिल की थी। स्पिनरों को विकेट से मदद मिल रही थी लेकिन टीम पर भरोसा रखते हुए भारत के कप्तान शुभमन गिल ने कैरिबियनों को फ़ॉलो-ऑन कराने का निर्णय लिया और क्या वही निर्णय बूमरैंग साबित हुआ ?

क्योंकि तीसरे दिन के अंत तक जॉन कैंपबेल और शे हॉप की लड़ाई में मैच में वेस्ट इंडीज़ वापसी कर गया। इस पर भारत के सहायक कोच रयान टेन डुशखाते ने अपनी राय रखी। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि थोड़ा सा गलत निर्णय लिया गया।

रायन टेन डूशखाते ने क्या कहा ?

भारतीय शिविर को लगता था कि 270 रनों की बढ़त पर्याप्त थी लेकिन यह समझा नहीं जा सका कि विकेट पर बल्लेबाज भी जोर पकड़ेंगे, ऐसा डूशखाते ने बताया। उन्होंने कहा, 'हमने बैटिंग के बारे में चर्चा की थी। वेस्ट इंडीज़ की पारी खत्म होने के बाद सोचा था कि विकेट और टूटेगा, जिससे स्पिनर्स को मदद मिलेगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ, बल्कि विकेट और धीमी गति का हो गया।'


चलती सीरीज में कैरिबियाई खिलाड़ियों में पहली हाफ सेंचुरी जॉन कैंपबेल ने बनाई। 2019 के बाद पहली बार इस टेस्ट में शाई होप ने 50 रन की सीमा पार की। 32 पारियों के बाद एल ने हाफ सेंचुरी बनाई। यदि विकेट पर टिके रहें तो वेस्ट इंडीज़ बड़ी बढ़त ले सकता है।


हालांकि, दुश्कहत ने सब्र बनाए रखने की सलाह दी है। उनका मानना है कि गति में बदलाव लाकर ही सफलता गेंदबाजी में आएगी। उन्होंने बताया कि जब भी गेंद धीमी गति से फेंकी गई, तब गेंदबाजों को विकेट से अधिक झुकाव मिला। बल्लेबाज़ों को भी इससे समय मिल रहा है। हालांकि, दुश्कहत आशावादी हैं कि अगर संतुलन बनाए रखा जाए और धैर्य के साथ गेंदबाज़ी की जाए तो विकेट मिलेंगे।


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